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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस : सभी आरोपितों के खिलाफ पॉस्को के तहत आरोप तय

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस : सभी आरोपितों के खिलाफ पॉस्को के तहत आरोप तय
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नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। एडिशनल जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने आरोपितों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया। इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपित बनाया गया है। कोर्ट तीन अप्रैल से इस मामले की रोजाना सुनवाई करेगा। सीबीआई अभी आरोपितों के खिलाफ हत्या, ट्रैफिकिंग समेत अन्य धाराओं के तहत पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगा।

पिछले 27 फरवरी को सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में दो स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त कर दिए गए हैं। सीबीआई ने इस मामले में अमित जिंदल और आर.एन. सिन्हा को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है।

पिछले 23 फरवरी को इस मामले के सात आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया था। सभी आरोपितों को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट में पेश किया गया था। 23 फरवरी को जिन आरोपितों को साकेत कोर्ट में पेश किया गया उनमें शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वो इस मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी करेगी।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सात फरवरी को इस मामले को साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की छह महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर ट्रायल कोर्ट से इस केस के सभी दस्तावेज साकेत कोर्ट में पहुंच गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 12 फरवरी को इस मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार दिया था। नागेश्वर राव पर आरोप था कि उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला बिना कोर्ट की अनुमति के कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में बिहार के 14 शेल्टर होम मामले से जुड़े मामलों में सीबीआई की ओर से हल्की धाराओं में चार्जशीट दाखिल करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि हत्या और रेप जैसे अपराध की धाराएं नहीं लगाई गई हैं। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सीबीआई को जांच इसलिए सौंपी गई थी कि बिहार पुलिस की जांच कमजोर है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दखल देने और उचित दिशा-निर्देश देने की मांग की।

Updated : 30 March 2019 12:31 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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