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दिल्ली : उत्तर पश्चिमी जिले के शालीमार बाग में एक मकान में लगी आग, तीन की मौत

दिल्ली : उत्तर पश्चिमी जिले के शालीमार बाग में एक मकान में लगी आग, तीन की मौत
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नई दिल्ली। उत्तर पश्चिमी जिले के शालीमार बाग इलाके में शनिवार शाम एक मकान में भीषण आग लग गई। इस घटना में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जबकि चार झुलस गए जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। पुलिस शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका व्यक्त कर रही है। बिल्डिंग के पिछले हिस्से में आपातकालीन गेट बना हुआ है। सूत्रों की माने तो तीनों मौत शुरुआती जांच में दम घुटने से बताई जा रही हैं।

आग लगने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस और दमकल कर्मियों ने सभी घायलों को मकान से बाहर निकाला और उन्हें नजदीकी फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में जांच के बाद चिकित्सकों ने तीन महिलाओं को मृत घोषित कर दिया। मृतक महिलाओं की पहचान किरण(65), सोमवती(42) और कांता देवी (75) के रूप में हुई। पुलिस ने तीनों महिलाओं के शवों को पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। मृतकों में सोमवती घर की नौकरानी थी। वहीं घायलों की पहचान लाजवंती (68), वंशिका (14), अक्षित (16) और ईन्ना (28) है।

दमकल विभाग व पुलिस के अनुसार उन्हें शाम छह बजे के बाद सूचना मिली कि बीक्यू-140 मकान की पहली मंजिल पर आग लग गई है। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की छह गाड़िया मौके पर पर भेजी गईं। आग में फंसे दो बच्चों समेत सात लोगों को निकलकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग में पहली मंजिल पर कोई नहीं था। दूसरी और तीसरी मंजिल पर हादसे में घायल लोग रहते थे। ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग है। जबकि बाहर आने का पार्किंग में से ही एक रास्ता है। ऊपरी मंजिल पर रहने वाले परिवार भी खुद को बचाने कर लिए छत की ओर चला गया था।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, घटना वाली जगह पर शालीमार बाग एसएचओ टीम के साथ गश्त कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने धुंआ उठता देखा तो दमकल विभाग को सूचना दी। इसके बाद एसएचओ अपनी टीम के साथ बराबर की बिल्डिंग से उस मकान की छत पर पहुंचे। यहां गेट खोलकर दो महिलाओं व दो बच्चों को बाहर निकाला।

आगजनी में हुई मौतें: राजधानी दिल्ली में इससे पहले भी आग लगने की घटनाएं हुई हैं, जिसमें जान-माल का काफी नुकसान हुआ। इस पर केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कई निर्देश भी लागू किए गए लेकिन आगजनी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।

13 जून 1997 : दिल्ली के उपहार सिनेमा में फिल्म 'बॉडज़्रÓ की स्क्रीनिंग के दौरान आगजनी में 59 की मौत और 100 से अधिक लोग घायल।

20 नवंबर 2011 : नंदनगरी में सामुदायिक कायज़्क्रम में आग लगने से 14 की मौत और 30 घायल।

20 जनवरी 2018 : बवाना पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 17 की मौत हुई थी, इसमें 10 महिलाएं और 7 पुरुषों थे।

13 अप्रैल 2018 : कोहाट एन्क्लेव में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हुई थी।

23 अप्रैल 2018: शाहदरा इलाके की झुग्गियों में आग लगने से एक लड़की की मौत, जबकि 300 से ज्यादा झुग्गियां जली थी।

19 नवंबर 2018 : करोल बाग में एक कंपनी में लगने की वजह से चार लोगों की मौत, एक घायल।

4 जनवरी 2019 : मोती नगर में कंप्रेशर फटने से फैक्ट्री गिरी, सात की मौत।

30 जनवरी 2019 : ओखला फेज-1 इलाके की केमिकल फैक्ट्री में चार लोग घायल।

12 फरवरी 2019 : करोल बाग स्थित होटल अपिज़्त में 17 लोगों की मौत।

14 जुलाई 2019 : झिलमिल में आग लगने से तीन महिलाओं की मौत।

Updated : 15 Dec 2019 4:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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