उम्मीदवारों के चयन को लेकर भाजपा गंभीर
शाह एक-एक उम्मीदवार की फाइल पढ़ रहे हैं सप्ताह भर के अंदर 25 नामों की सूची होगी जारी
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नई दिल्ली। भाजपा में टिकटार्थियों की बढ़ती होड़ के चलते शीर्ष नेतृत्व ने असली पहल शुरू कर दी है। दिल्ली की 70 सीटों पर जिताऊ उम्मीदवार तय करने के लिए पार्टी अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को आगे किया है। पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि टिकट वितरण ईमानदारी से हो जाए तो समझिए भाजपा ने आधी जंग जीत ली। शनिवार को हुई पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक भाजपा पहली 25 उम्मीदवारों की जल्द निकाल देना चाहती है ताकि चुनाव मोड़ में आ जाये। इसके लिए चयन प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। काडर आधारित पार्टी होने के कारण भाजपा में चयन प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से सम्पन्न होती है और कई तरह के परीक्षणों से गुजरती है, इसलिए पार्टी ने पूरे निकाय को गति प्रदान कर दी है। इस सच्चाई को स्वीकार करते हुए पार्टी ने नब्ज टटोलने का काम शुरू कर दिया है। नड्डा ने रविवार को नई दिल्ली विधानसभा सीट से सटी तीन सीटों करोलबाग, पटेल नगर और मोतीनगर के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके इतर संगठन महामंत्री बीएल संतोष प्रदेश कार्यालय में लगातार जिला अध्यक्षों के साथ बैठक कर जीत के टिप्स दे रहे हैं।
करोलबाग, पटेल नगर व मोतीनगर सीट पर आम आदमी पार्टी के पैराशूट प्रत्याशी जो बाहर से लाये गए हैं। इनकी तोड़ के लिए भाजपा स्थानीय उम्मीदवार को तवज्जो देने की योजना बना रही है। इसके अलावा सर्वे में यह देखा गया है कि दिल्ली की दो दर्जन से अधिक सीटों पर जातीय समीकरण की भी अहम भूमिका रहने वाली है। इस लिहाज से सभी समुदायों के लोगों व कार्यकर्ताओं का ध्यान रखा जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से पार्टी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी सरकार की नीतियों को घेरा , उससे माहौल रकदं बदलता प्रतीत हो रहा है। खुद कार्यकर्ताओं के अंदर से आवाज उठ रही है टिकट वितरण को लेकर कि पार्टी इस बार ठीक से टिकट वितरण का काम कर ले जाए तो वह सरकार बनाएगी। पिछले चुनावों से सीख लेकर भाजपा ने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करके सामूहिक नेतृत्व को आगे किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा सामने होने से भितरघात की समस्या पर काजी हद तक निदान कर लिया है। अब ऐसा तय माना जा रहा कि अमित शाह कार्यकर्ताओं के योगदान को तौल रहे हैं। वे खुद एक -एक उम्मीदवार का बॉयोडाटा पढ़ रहे हैं। कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। क्षेत्र में बेहतर उम्मीदवार के चयन के लिए जनता से सीधे रायशुमारी की जा रही है।
मतदान की तारीख़ नजदीक आते देख टिकट चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है। हर संसदीय क्षेत्र में संबंधित सांसदों से भी राय-शुमारी की जा रही है। हर संसदीय क्षेत्र में जुझारू व कर्मठ कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की जा रही है। सांसदों के कहने पर विधानसभा वार कार्यकर्ताओं को सूची में जोड़ा जा रहा है।
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