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ग्वालियर, भोपाल और जोधपुर में असुरक्षित महसूस करती हैं महिलाएं : अध्ययन

ग्वालियर, भोपाल और जोधपुर में असुरक्षित महसूस करती हैं महिलाएं : अध्ययन
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नई दिल्ली। भोपाल, ग्वालियर और जोधपुर में करीब 90 प्रतिशत महिलाएं सुनसान और असुरक्षित इलाकों की वजह से वहां सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। एक अध्ययन में बताया गया है कि अविवाहित महिलाओं तथा छात्राओं को यौन उत्पीडऩ का अधिक खतरा है। यह अध्ययन सामाजिक उद्यम 'सेफ्टिपिन', सरकारी संगठन के ओआईसीए (कोरिया इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी) और एनजीओ एशिया फाउंडेशन ने किया है। इस अध्ययन में मध्यप्रदेश के भोपाल और ग्वालियर तथा राजस्थान के जोधपुर में किए गए 219 सर्वेक्षणों को शामिल किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, 89 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उन्हें सुनसान इलाकों की वजह से असुरक्षित महसूस होता है। 63 प्रतिशत महिलाओं ने कहा है कि सार्वजनिक परिवहन की गाडिय़ों के लगभग खाली होने की वजह से उन्हें डर लगता है, 86 प्रतिशत महिलाओं ने कहा है कि आसपास मादक पदार्थ और शराब की बिक्री की वजह से वे असुरक्षित महसूस करती हैं। 68 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि सुरक्षा की कमी से उन्हें असुरक्षा का अहसास होता है।

होता है अनुचित व्यवहार

अध्ययन में बताया गया है कि महिलाओं को बसों, ऑटो और सार्वजनिक परिवहन के अन्य माध्यमों में सफर करने दौरान अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इस अध्ययन के मुताबिक, छात्राओं (57.1 प्रतिशत) और अविवाहित महिलाओं (50.1 प्रतिशत) को यौन उत्पीडऩ का अधिक खतरा है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि घूरना, पीछा करने, फब्तियां कसने और छूने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं लेकिन इन्हें यौन उत्पीडऩ जितना गंभीर नहीं माना जाता है। इसमें बताया गया है कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर उत्पीडऩ की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। अध्ययन के मुताबिक, करीब 50 प्रतिशत में से 39 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक परिवहन और बाजारों को ऐसे सार्वजनिक स्थलों के तौर पर बताया है जहां उत्पीडऩ की काफी घटनाएं होती हैं। इसमें बताया गया है कि 26 प्रतिशत महिलाओं ने कहा है कि वे सडक़ किनारे यौन उत्पीडऩ का सामना करती हैं, जबकि 16 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक परिवहन का इंतजार करने के दौरान यौन उत्पीडऩ का सामना करना पड़ता है।

Updated : 2 Dec 2019 10:11 AM GMT
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