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विवि को नैक से मिले थे 3.06 अंक, अनुदान के दायरे में आने के लिए चाहिए 3.50 अंक

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों को मिलने वाले अनुदान के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

विवि को नैक से मिले थे 3.06 अंक, अनुदान के दायरे में आने के लिए चाहिए 3.50 अंक
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अनुदान के दायरे से बाहर हुआ विवि, रूसा से नहीं मिलेगा अनुदान

ग्वालियर | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों को मिलने वाले अनुदान के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस दायरे से जीवाजी विवि बाहर हो गया है और उसे रूसा से अनुदान नहीं मिलेगा। क्योंकि इसमें फिट होने के लिए विवि के 3.05 अंक नहीं है। नैक ने विवि को 3.01 अंक दिए थे इसलिए वह इस दायरे में नहीं आ पा रहा है। इसको देखते हुए जीवाजी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है और इस बार 3.08 अंक को लक्ष्य बनाकर तैयारियां की जा रही हैं।

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने जीवाजी विवि को जनवरी 2014 ए ग्रेड प्रदान किया था। विवि की सुविधाओं, अनुसंधान एवं व्यवस्थाओं को देखते हुए नैक ने 3.01 अंक दिए थे। यह ग्रेडिंग पांच साल के लिए दी गई। विवि को ए ग्रेड मिलने से रूसा से अनुदान का रास्ता साफ हो गया। रूसा से विवि को प्रतिवर्ष करीब 10 करोड़ रुपए का अनुदान मिल रहा था। अब विवि अनुदान आयोग ने अनुदान के संबंध में जो नए दिशा-निर्देश किए हैं उसमें विवि फिट नहीं हो पा रहा है। आयोग ने अनुदान के लिए नैक द्वारा दिए गए एलआईआई स्तर 3.05 होना चाहिए।

जबकि जीवाजी को नैक ने 3.01 अंक दए थे इसलिए विवि इस दायरे से बाहर हो गया है। अनुदान की सूची से बाहर होने के बाद विवि ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी है। इसे लेकर कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने समितियां गठित करने के साथ ही उन्हें 3.08 एलओआई लेकर चलने का लक्ष्य दिया है। इस संबंध में बुधवार को कुलपति ने समितियों की बैठक भी ली और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए। कुलपति ने समितियों से कहा है कि वह बड़े लक्ष्य के साथ तैयारियां करें एलओआई स्तर में निश्चित रूप से बढ़ोत्तरी होगी।

जनवरी 2019 में होना है नैक का निरीक्षण

नैक ने पिछली बार जीवाजी विवि का निरीक्षण 2013 में किया था और उसी आधार पर जनवरी 2014 में पांच साल के लिए ए ग्रेड प्रदान की थी। अब नैक का निरीक्षण जनवरी 2019 में होना है। इसीलिए विवि ने अभी से यह तैयारियां शुरू कर दी है और जैसे ही तैयारियां पूरी हो जाती है और एलओआई स्तर 3.08 तक पहुंच जाता है वैसे ही विवि की तरफ से पूरी रिपोर्ट नैक को भेजी जाएगी। उसके बाद नैक की टीम विवि का निरीक्षण करने आएगी।

इन मापदंडों पर किया जा रहा काम

- पाठ्यचर्या योजना और कार्यान्वयन

- अकादमिक लचीलापन

- पाठ्यचर्या संवर्धन

- प्रतिक्रिया प्रणाली

शिक्षण-सीखने और मूल्यांकन

- छात्र नामांकन और प्रोफाइल

- कैटरिंग छात्र विविधता

- शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया,

- शिक्षक की गुणवत्ता

- मूल्यांकन प्रक्रिया और सुधार

- छात्र प्रदर्शन और सीखने के परिणाम

- शोध, कंसल्टेंसी और विस्तार

- अनुसंधान का संवर्धन

शोध के लिए संसाधन मोबिलिज़ेशन,

- अनुसंधान सुविधाएं

- अनुसंधान प्रकाशन और पुरस्कार, कंसल्टेंसी

- विस्तार गतिविधियों और संस्थागत सामाजिक जिम्मेदारी, सहयोग।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और सीखने के संसाधन

- हॉस्टल, खेल के मैदान, इंटरनेट वाईफाई, चिकित्सा आपातकालीन पता आदि सहित शारीरिक सुविधाएं

- एक सीखने संसाधन के रूप में पुस्तकालय

- सूचना प्रौद्योगिकी की आधारभूत संरचना, कैंपस सुविधाओं का रखरखाव।

छात्र समर्थन और प्रगति

- छात्र सलाह और समर्थन, छात्र प्रगति, छात्र भागीदारी और गतिविधियां।

- सरकार, नेतृत्व और प्रबंधन, संस्थागत दृष्टि और नेतृत्व, रणनीति विकास और तैनाती, संकाय सशक्तिकरण रणनीतियों, वित्तीय प्रबंधन और संसाधन मोबिलिलाइजेशन, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली।

नवाचार और सर्वोत्तम अभ्यास

- पर्यावरण चेतना, संस्थान में लागू अभिनव विचार, और बेहतर भविष्य।

इनका कहना है

"विवि अनुदान आयोग के नए नियमों के अनुसार नैक द्वारा दिए गए एलओआई स्तर की वजह से विवि रूसा से मिलने वाले अनुदान से बाहर हो गया है। इसलिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं और एलओआई स्तर बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 3.08 अंकों का लक्ष्य लेकर तैयारियां की जा रही है। इस संबंध में समितियां बनाने के साथ ही कुलपति ने उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। हमें उम्मीद है कि इस बार एलओआई स्तर बढ़ेगा।"

-डॉ. शांतिदेव सिसौदिया

जनसंपर्क अधिकारी, जीवाजी विवि









Updated : 21 Jun 2018 1:17 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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