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सेंवढ़ा के जंगल से टाइगर लापता

वन विभाग को कोई चिंता नहीं

सेंवढ़ा के जंगल से टाइगर लापता
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। वन मंडल दतिया के वन परिक्षेत्र सेंवढ़ा के जंगलों में पिछले सात सालों से विचरण कर रहा टाईगर (बाघ) अचानक लापता हो गया है। पिछले पांच माह से उसकी कोई लोकेशन नहीं मिल रही है। टाईगर अचानक कहां गुम हो गया? वन विभाग को इसकी कोई चिंता नहीं है। वन विभाग ने उसकी तलाश करना भी जरूरी नहीं समझा है। वन विभाग यह सोचकर हाथ पर हाथ रखे बैठा है कि टाईगर जहां से आया था, वहीं वापस चला गया होगा।

यहां बता दें कि राजस्थान के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से टी-1 नामक नर टाईगर विचरण करते हुए दतिया जिले के सेंवढ़ा के जंगल में आ गया था। पहली बार यह टाईगर वर्ष 2011 में दिखा था। इसके बाद वह इसी जंगल में विचरण कर रहा था। वन विभाग ने उसकी निगरानी के लिए अलग से वन कर्मचारियों की एक टीम गठित की थी, जो निरंतर उसकी लोकेशन का पता लगाती थी। टाईगर किसी गांव के नजदीक न जा पाए। इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा था। टाईगर को शिकारी अपना शिकार न बना लें। इस दृष्टि से जंगल में संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी, लेकिन पिछले कुछ समय से वन कर्मचारियों द्वारा टाईगर की निगरानी में लापरवाही बरती गई। इसके चलते टाईगर कब और कहां चला गया? किसी को पता नहीं है।

बेहट के जंगल में मिली थी अंतिम लोकेशन

सेंवढ़ा वन परिक्षेत्र के वन कर्मचारियों के अनुसार टाईगर सेंवढ़ा से लेकर वन मंडल ग्वालियर के वन परिक्षेत्र बेहट तक विचरण करता था। पांच माह पूर्व बेहट वन परिक्षेत्र के अंतर्गत सुझार बीट स्थित महेश्वरा खोह में टाईगर की अंतिम लोकेशन मिली थी, जहां टाईगर ने एक नीलगाय का शिकार किया था। यहां नीलगाय के अवशेष भी मिले थे। इस पर वन मंडल अधिकारी दतिया ने टाईगर की निगरानी करने के लिए वन मंडल अधिकारी ग्वालियर को पत्र भी लिखा था। इसके बाद से ही टाईगर लापता है। वन कर्मचारियों के अनुसार टाईगर सेंवढ़ा वन परिक्षेत्र से बाहर है। यहां होता तो उसकी लोकेशन जरूर मिलती। वन कर्मचारियों का यह भी मानना है कि नर टाईगर मादा टाईगर की तलाश में यहां से रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में वापस चला गया होगा। टाईगर को कहीं शिकारियों ने तो अपना शिकार नहीं बना लिया? इससे वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी साफ इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि ऐसा होता तो उसके कोई न कोई साक्ष्य तो मिलते, लेकिन अभी तक ऐसे कोई साक्ष्य सामने नहीं आए हैं।

''टाईगर का होम रेंज काफी बड़ा है। वह दतिया से लेकर ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर तक विचरण करता है और वापस लौट आता है, इसलिए वह कभी दिखता है तो कभी नहीं दिखता है। फिलहाल उसके कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। टाईगर जैसे वन्यप्राणी को खोजना आसान नहीं है। उसकी निगरानी के लिए पहले से ही जो टीम गठित है, वह उसकी लोकेशन का पता लगाने का प्रयास कर रही है।ÓÓ

एस.एच. मोहंता

मुख्य वन संरक्षक, ग्वालियर वृत्त

Updated : 12 Oct 2018 12:42 PM GMT
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