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ग्वालियर : पांच लाख आय पर छूट से खुशी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ख्याल

बजट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया, बताया ऐतिहासिक व सराहनीय

ग्वालियर : पांच लाख आय पर छूट से खुशी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ख्याल
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ग्वालियर, न.सं.। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए बजट 2020-21 को लेकर शहर में जहां एक ओर भाजपा और उससे जुड़े लोगों एवं व्यापारियों ने खुशी व्यक्त की है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे निराशाजनक बताया है। इस बजट में पांच लाख रुपए तक की आय को लेकर मध्यम वर्ग में खासी खुशी है। वहीं इसमें 80जी हटाए जाने से निराशा भी है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने से युवाओं एवं आमजन उत्साहित हैं।

हर क्षेत्र, हर वर्ग की बेहतरी के लिए बजट

बजट ऐतिहासिक और मिशनरी बजट यह बता रहा है कि दुनिया की एक आर्थिक महाशक्ति बनने की भारत ने तेजी और मजबूती के साथ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। यह बजट जीवन के हर क्षेत्र और समाज के हर वर्ग को बेहतरी देने वाला बजट है, जिससे देश के विकास को गति मिलेगी, लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। अधोसंरचना और उद्योगों के लिए सरकार ने जो प्रावधान किए हैं, उनसे स्पष्ट है कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है।

विवेक नारायण शेजवलकर

सांसद

जनहितैषी और ऐतिहासिक है आम बजट

बजट में सर्वहारा वर्ग का ध्यान रखा गया है। महिलाओं, किसानों, छात्रों, युवाओं, उद्यमियों, दिव्यांगों हर किसी के लिए बड़ी योजनाओं के साथ ही करोड़ों रुपए के बजट का प्रावधान किया है विशेषकर आयकर स्लैब बदलकर मध्यवर्गीय परिवारों की झोली भर दी है। बुलेट व किसान ट्रेन चलाने, मनरेगा के जरिए खेती को बढ़ावा देने, हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने, पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़, महिला विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ का प्रावधान करने सहित अन्य जनहितैषी कदम केंद्र सरकार ने जो उठाए हैं वह मील का पत्थर साबित होंगे।

श्रीमती माया सिंह

पूर्व मंत्री

स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष ध्यान

सरकार ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की कोशिश की है। शिक्षा के लिए 99,300 करोड़, राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव, जल जीवन मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ का ऐलान तथा आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव बजट का सराहनीय पहलू है। हर जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना, वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए डिग्री स्तर पर का ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम तथा सरकारी बैंकों में अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना तथा करदाताओं के लिए विशेष सहूलियत बजट के प्रमुख केंद्र बिन्दु हैं।

-प्रो. एस.के. सिंह

प्राध्यापक, वाणिज्य एवं व्यवसाय अध्ययनशाला, जीवाजी विवि

कम आय वर्ग को होगा अधिक फायदा

2020-21 का बजट नीतियों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। सरकार को संसाधन जुटाने के लिए विनिवेश पर निर्भर होना पड़ रहा है। जिसके लिए एलआईसी, आईडीबीआई में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। परंतु शिक्षा, स्वच्छ भारत मिशन, हर घर जल, पर्यटन के लिए सरकार अपनी आवंटित राशि बढ़ा रही है। राजकोषीय घाटा साढ़े तीन प्रतिशत ही रखा गया है और जीडीपी वृद्धि दर साढ़े छह प्रतिशत का लक्ष्य है। आयकर में दी गई छूट का सामान्य नागरिक स्वगत करेंगे। विशेष रूप से कम आय वर्ग के लिए काफी फायदा होगा।

-प्रो. एस.के. शुक्ला

वरिष्ठ अर्थशास्त्री, जीवाजी विश्वविद्यालय

बजट आय एवं क्रय शक्ति को बढ़ाएगा

सरकार ने देश में व्यापार और वाणिज्य को सुव्यवस्थित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए है। घरेलू विनिर्माण और आंतरिक व्यापार, किफायती आवास, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित करने आदि पर जो घोषणाएं की गई है वो बेहद महत्वपूर्ण हैं। टैक्स ऑडिट की सीमा को एक से पांच करोड़ तक करना एक बेहद साहसी कदम है। गैर बैंकिंग वित्त कंपनियां को महत्व देना बजट की महत्वपूर्ण घोषणा है, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होगी।

भूपेन्द्र जैन

मप्र अध्यक्ष, कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स(कैट)

गांव, गरीब और किसान हितैषी बजट

देश का आम बजट गांव, गरीब और किसान हितैषी है। किसानों की 2022 तक आय दो गुना करने का प्रावधान रखा गया है। खेती और ग्रामीण विकास के लिए बजट रखा गया है। कुसुम योजना से किसनों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। बजट में किसान रेल का प्रावधान किया गया है, जिससे किसान अपनी फसलों को एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में बेच सकेंगे। कुल मिलाकर बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं एवं प्रावधान किए गए हैं, जो कि स्वागत योग्य हैं।

भारत सिंह कुशवाह

भाजपा विधायक

निराशाजनक है बजट: गोयल

ग्वालियर पूर्व के विधायक मुन्नालाल गोयल ने केंद्रीय बजट को आमजन के लिए निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि इस बजट से गरीब एवं आम तबके को कोई लाभ नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री को आमजन का दर्द पता ही नहीं है।

आयकर को घुमा दिया: अग्रवाल

पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने कहा कि आयकर को घुमाकर पेश कर दिया गया है। जिससे पहले से अधिक टैक्स लगेगा। इस बजट में कोई नई बात नहीं हैं, विकास की योजनाएं दिखाई नहीं दे रहीं। वहीं एयर इंडिया, रेलवे एवं एलआईसी के निजीकरण से बुरे दिन सामने आएंगे।

युवाओं को रोजगार की बातें जुमला: पाठक

ग्वालियर दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने केंद्रीय बजट में युवाओं के रोजगार को लेकर एक शब्द भी नहीं कहे जाने पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 6 साल पूर्व दो करोड़ युवाओं को सालाना रोजगार देने की बात पूरी तरह जुमला साबित हुई है।

अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद

आम बजट हर मामले में संतुलित है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम होगी। बजट में हर तबके के लोगों का पूरा ख्याल रखा गया है। बजट में मध्यम वर्ग खासकर वेतनभोगियों के लिए कर स्लैब में बड़ी राहत दी गई है। कारपोरेट टैक्स में राहत देने से अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद बढ़ी है।

डॉ शिप्रा कुलश्रेष्ठ

हर वर्ग को होगा फायदा

बजट से आमजन को राहत मिलेगी और हर वर्ग को काफी फायदा मिलेगा। वहीं इनकम टैक्स में 5 लाख तक टैक्स फ्री करना बेहद राहत भरा कदम है, जिससे अब आम नागरिक व मध्यम वर्ग को विशेष रूप से फायदा होगा।

डॉ सीमा सिंह


सिंगल विंडो सिस्टम की घोषणा स्वागत योग्य: चेम्बर

आम बजट पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों विजय गोयल, प्रशांत गंगवाल, पारस जैन, डॉ. प्रवीण अग्रवाल, ब्रजेश गोयल एवं बसंत अग्रवाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री द्वारा वैश्विक स्तर पर भारत को प्रतिस्पर्धी बनाने एवं निवेश को ध्यान में रखते हुए कारपोरेट टैक्स की दर को नई कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत तथा मौजूदा कंपनियों के लिए मात्र 22 प्रशित किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे भविष्य में नए निवेश को बल मिलेगा तथा हमारी अर्थव्यवस्था को इसका प्रचुर लाभ होगा। पदाधिकारियों ने कहा है कि बजट में आयकर के स्लैब में जो छूट की घोषणा की गई है, वह सराहनीय है परन्तु 80सी के तहत आयकरदाता को जो छूट मिलती थी, उसे समाप्त किया जाना निराशाजनक है।

Updated : 2 Feb 2020 11:53 AM GMT
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