बहनों ने भाई की कलाई पर अपना प्यार बांधा, भद्रा समाप्ति के बाद मनाया रक्षाबंधन
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ग्वालियर, न.सं.। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का त्योहार 'रक्षाबंधन' गुरुवार को बहन-भाईयों द्वारा हंसी-खुशी के साथ मनाया गया। इस दिन बहनों ने अपने प्यार स्वरूप राखी भाईयों की कलाई पर बांधी। कुछ बहनों ने भद्रा के शुभ मुहुर्तों में, तो किसी ने भद्रा समाप्ति के बाद रात्रि के समय में राखी बांधी। ज्योतिषाचार्यों की राय के अनुसार आज 12 अगस्त शुक्रवार को उदयाकाल में पूर्णिमा तिथि होने के कारण इस दिन भी बहने अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं।
शहर में गुरुवार को सुबह से ही 'रक्षाबंधन' त्योहार का प्रभाव देखने को मिला। बहन-भाईयों ने इस दिन ज्योतिषाचार्यों द्वारा बताए गए शुभ मुहुर्तों में राखी बंधवाई। बहनों ने भाईयों को टीका कर राखी बांधी वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा करने का वचन दिया। बहनों ने अपने घरों पर भाईयों का पसंदीदा भोजन भी बनाया और अपने हाथों से परोस कर उन्हें खिलाया भी। इस दिन सुबह के समय घरों पर श्रमन भगवान की पूजा भी की गई। वहीं भक्तों द्वारा मंदिरों में भी अपने इष्ट देवता को राखी बांधी और उनकी पूजा अर्चना की।
मिठाई, सूखे मेवे और फलों की दुकानों पर रही भीड़:-
'रक्षाबंधन' के दिन बहनों द्वारा भाईयों को उपहार देने की विशेष परंपरा होती है। इसी के तहत शहर में मिठाई, सूखे मेवे और फलों की दुकानों पर खरीदारों की अच्छी खासी भीड़ रही। इस दिन बहनों ने भाईयों के लिए सूखे मेवे और फल आदि खरीदना अधिक उचित समझा। बाजार में इनकी बिक्री भी अच्छी-खासी हुई।
बाजारों में पसरा सन्नाटा:-
'रक्षाबंधन' के दिन शहर की अधिकतर दुकानें बंद रहीं। इस दौरान दाल बाजार, लोहिया बाजार, नया बाजार, सराफा व टोपी बाजार आदि में सन्नाटा सा पसरा हुआ दिखाई दिया। इस दिन शहर के सभी व्यापारी घर पर रहे और 'रक्षाबंधन' का त्योहार मनाया।
बसों और ट्रेनों में भी रही जबरदस्त भीड़:-
इस दिन बहन-भाईयों की आवाजाही के कारण बसों और ट्रेनों में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। जिसको जो सुविधा मिली वह उसमें बैठकर चल दिया। वहीं बस चालकों ने भी निर्धारित किराए से ज्यादा वसूली की। जीपों में भी लोग ठसाठस भरे हुए दिखाई दिए।
स्वदेश डेस्क
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