नियम विरुद्ध दी फार्म भरने की अनुमति
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न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में महाविद्यालय संचालक
ग्वालियर, न.सं.
जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा अशासकीय महाविद्यालयों के माध्यम से नियम विरुद्ध प्राइवेट फार्म भरने की अनुमति देने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इसको लेकर अब ऐसे महाविद्यालयों के संचालकों ने न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर ली है, जिन्हें फार्म भराने की अनुमति नहीं दी गई है।
महाविद्यालय संचालकों का कहना है कि जिन महाविद्यालयों को फार्म भरने की अनुमति नहीं दी है, उन्होंने न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर ली है। महाविद्यालय संचालकों का कहना है कि विवि के अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर अनुमति दे रहे हैं। दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 14 नए अशासकीय महाविद्यालयों को प्राइवेट फार्म भरने की अनुमति दे दी है, जबकि इससे पहले 16 फरवरी को विवि ने 10 महाविद्यालयों को प्राइवेट फार्म भरने की अनुमति दी थी। इसके चलते विवि द्वारा अभी तक कुल 24 अशासकीय महाविद्यालयों को प्राइवेट फार्म भरने की अनुमति दे दी गई है। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि विवि द्वारा ऐसे महाविद्यालयों को प्राइवेट फार्म भरने की अनुमति दी गई है, जिनके अभी दस वर्ष पूरे नहीं हुए हैं और जो नियमों को पूरा नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनके पास मंत्रियों के सिफारिशी पत्र हैं, जिनके दबाव में आकर विवि के अधिकारियों को उन्हें फार्म भरने की अनुमति देने के लिए विवश होना पड़ा। वहीं जिन महाविद्यालयों को विवि ने फार्म भरने की अनुमति नहीं दी है, उन्होंने न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर ली है। उनका कहना है कि यदि नियमों को ताक पर रखकर अनुमति दी जा रही है तो हमारे महाविद्यालयों को भी इसमें शामिल करें।
Naveen Savita
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