स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के बीच वैक्सीन गायब, बढ़ी खपत
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♦ सीएमएचओ नहीं कर पाए खरीदी ♦ बरत रहे घोर लापरवाही
ग्वालियर, न.सं.
जिले में स्वाइन फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों के चिकित्सक लोगों को वैक्सीन लगवाने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन खास बात यह है कि बाजार में वैक्सीन ही खत्म हो गई है। आलम यह है कि लोग दोगुना दाम देने को तैयार हैं। मगर उन्हें वैक्सीन नहीं मिल पा रही है।
जिले में इस साल स्वाइन फ्लू तेजी से पांव पसार रहा है। अब तक स्वाइन फ्लू के 13 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से चार मरीजों की मृत्यु भी हो चुकी है। इसी के चलते अब स्वाइन फ्लू से बचने के लिए लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं। इस कारण वैक्सीन की खपत बहुत ज्यादा बढ़ गई है और अब स्थिति यह है कि बाजार में वैक्सीन मिल ही नहीं पा रही है। इधर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों व स्टाफ के प्रति लगातार घोर लापरवाही बरत रहे हैं। सीएमएचओ द्वारा अभी तक चिकित्सकों व स्टाफ को स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना तो दूर वैक्सीन की खरीदी तक नहीं कर पाए हैं। ऐसे में स्वाइन फ्लू के मरीजों के बीच रहने वाले चिकित्सकों व स्टाफ को अगर स्वाइन फ्लू होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होना। जब इस मामले में सीएमएचओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वैक्सीन खरीदने कि प्रक्रिया की जा रही है, जल्द ही वैक्सीन खरीद ली जाएगी, लेकिन अब शहर में तो दूर प्रदेश भर में वैक्सीन की शॉर्र्टेज हो चुकी है, जबकि चिकित्सकों व स्टाफ को यह वैक्सीन शर्दी शुरू होने पर ही लगवाई जाना थी। यह स्थिति तब है, जब खुद स्वास्थ्य मंत्री स्वाइन फ्लू को लेकर प्रदेश भर के सीएमएचओ को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन सीएमएचओ पर मंत्री के निर्देशों का भी कोई फर्क नहीं पड़ा है।
प्रतिदिन आ रही 400 से 500 वैक्सीन की मांग
स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के चलते वैक्सीन की डिमांड अब प्रतिदिन 400 से 500 तक पहुंच गई है। न्यू वैक्सीन हाउस के संचालक सुरेन्द्र जैन का कहना है कि जनवरी तक वैक्सीन की प्रतिदिन खपत 60 से 70 के बीच हो रही थी, लेकिन अब प्रतिदिन 400 से 500 की डिमांड आ रही है। इस कारण शहर में वैक्सीन पूरी तरह खत्म हो गई है और एक भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
कम्पनी से नहीं हो रही आपूर्ति
स्वाइन फ्लू जब वर्ष 2009 में कहर बनकर बरपा था, तब भारतीय बाजारों में इसका टीका अपलब्ध नहीं था। इसके बाद इसका टीका भारतीय बाजार में आया, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पूरे देश में स्वाइन फ्लू के मामले कम हो गए। इस कारण कम्पनियां सीमित संख्या में वैक्सीन बनाने लगीं। ये वैक्सीन भी कम्पनियों की पूरी तरह बिक नहीं पाती थीं। इस साल भी सीमित संख्या में ही वैक्सीन बनाई गई हैं, लेकिन अब अचानक पिछले दो माह में तेजी से स्वाइन फ्लू के मामले बढऩे के कारण कम्पनियों द्वारा निर्मित वैक्सीन खत्म हो गई है।
इनका कहना है
''चिकित्सकों व स्टाफ को वैक्सीन क्यों नहीं लगवाई गई है? इस मामले की जानकारी सीएमएचओ से ली जाएगी।''
संदीप केरकेट्टा एडीएम, ग्वालियर
Naveen Savita
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