भारत की अखंडता के लिए पूरा जीवन समर्पित किया महादजी ने
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पुण्यतिथि पर अर्पित की श्रद्धांजलि
ग्वालियर, न.सं.
श्रीनाथ महादजी भक्त मंडल ग्वालियर एवं सिंधिया देवस्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में श्रीनाथ महादजी महाराज की 225वीं पुण्यतिथि पर रविवार को अचलेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पाहार अर्पित कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
इस अवसर पर 'आज के संदर्भ में महादजी महाराज का योगदान' विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा के सह मंत्री संजय जोशी एवं इतिहासकार पं. नीलेश करकरे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए महादजी को एक वीर योद्धा, सेना नायक, साहित्यकार, कवि, शल्य चिकित्सक और बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताया। वक्ताओं ने कहा कि महादजी ने भारत की अखंडता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। आज उन्हीं की वजह से पूरा राष्ट्र एकजुट है। उन्होंने अटक से कटक तक भारत की धर्म ध्वजा को फहराया। इस अवसर पर महान क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फडक़े, झांसी की रानी के रूप में जानी जाने वाली नागालैण्ड की रानी गाइड्यूल एवं झारखंड के वीर क्रांतिकारी बुधु भगत का भी स्मरण किया गया। कार्यक्रम स्थल पर श्रीमती अनीता करकरे एवं प्रियंवदा मोघे द्वारा सुंदर रंगोली से सजावट की गई। संचालन डॉ. ईश्वरचन्द्र करकरे ने किया। कार्यक्रम में संभाजीराव मांढरे, जयंत जपे, विजय सिंह भौंसले, विश्वजीत भौंसले, बृजहरी शर्मा, रमाकांत सिरसट, डॉ. सुखदेव माखीजा, जयंत भिड़े, विशाल मांढरे, श्यामराव जपे, सुश्री प्रियंका द्विवेदी, पंडित उदय ठाकुर आदि उपस्थित रहे।
Naveen Savita
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