सबरीमाला हमारी आस्था का विषय है: डॉ. राजरानी
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ग्वालियर, न.सं.
ओजस्विनी विचार मंच के तत्वावधान में रविवार को मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा भवन दौलतगंज में 'सबरीमाला: आस्था या दुराग्रह' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राजरानी शर्मा उपस्थित रहीं। अध्यक्षता राष्ट्र सेविका समिति की महानगर कार्यवाहिका श्रीमती महिमा तारे ने की। चर्चा सूत्रधार डॉ. ऋतु नामधारी रहीं।
कार्यक्रम में प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर पर अपने ओजस्वी विचार रखे, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. कल्पना शर्मा, डॉ. वीणा शुक्ला, डॉ. मंदाकिनी शर्मा, जाई शेजवलकर, डॉ. विनीता जैन, नीना मयंकर, डॉ. सीमा शर्मा, श्रीमती जिज्ञासा जादौन, श्रीमती मनीषा इंदापुरकर आदि ने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. राजरानी शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार अपने परिवार के नियम होते हैं, उसी प्रकार से धार्मिक स्थलों के भी नियम होते हैं। यह विवाद का नहीं, आस्था का विषय है। हमें अपने रीति-रिवाजों का पालन करना चाहिए। विचार परिचर्चा के बाद डॉ. मंदाकिनी शर्मा ने परिचर्चा का निष्कर्ष उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम में अंजली हार्डीकर, डॉ. वंदना सेन, श्रीमती संयुक्ता पोतनीस, वसुधा गजेन्द्रगडक़र सहित कई बहनें उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती नीलम शुक्ला ने एवं आभार प्रदर्शन श्रीमती महिमा तारे ने किया।
Naveen Savita
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