Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > फर्जी भवन अनुज्ञा से निगम में हड़कंप, जिम्मेदार यंत्री नहीं दे पा रहे जवाब

फर्जी भवन अनुज्ञा से निगम में हड़कंप, जिम्मेदार यंत्री नहीं दे पा रहे जवाब

मामला रोशनी घर के विवादास्पद निर्माण का

फर्जी भवन अनुज्ञा से निगम में हड़कंप, जिम्मेदार यंत्री नहीं दे पा रहे जवाब
X

नगर निगम ग्वालियर कार्यालय 

ग्वालियर,न.सं.। यदि आप किसी भवन का निर्माण करने जा रहे और उसके जरुरी दस्तावेज आपके पास नहीं है, तो चिंता की बात नहीं है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर जेब गर्म होते ही नगर निगम के यंत्री असंभव को संभव करने का कारनामा भी कर दिखाएंगे। ऐसा ही एक रोचक मामला रोशनी क्षेत्र में रमेश मंगल एवं उमेश मंगल द्वारा कराए जा रहे भवन निर्माण में सामने आया है।

दरअसल मंगल बंधुओं द्वारा ली गई भवन अनुज्ञा की अवधि 17 जुलाई 2020 को समाप्त हो चुकी थी। इस बीच कुछ लोगों ने अवैध निर्माण की शिकायत नगर निगम में कर दी। साथ ही न्यायालय से स्थगन भी ले लिया। ऐसे में भवन अनुज्ञा की अवधि बढ़ाने के लिए जैसे ही निर्माणकर्ताओं ने संबंधित यंत्री अमित गुप्ता से संपर्क किया तो उन्होंने भवन निरीक्षक व भवन अधिकारी के नाम पर दो अलग-अलग फर्जी दस्तावेज उन्हें थमा दिए। जिसके बाद मंगल बंधुओं ने यह फर्जी अनुज्ञा सही समझकर न्यायालय और इंदरगंज थाने में दे दिए। किंतु आरटीआई के आधार पर वरिष्ठ यंत्रियों ने जब अनुज्ञा का रिकार्ड देखा तो वहां पर किसी भी तरह की फाइल अथवा अनुज्ञा की प्रति नहीं थी। इस मामले का खुलासा होने के बाद संबंधित यंत्री के तो हाथ पैर फूले ही हुए है साथ ही निर्माण कर्ता बंधु भी भारी परेशान हैं। जानकारी के अनुसार रोशनी घर मार्ग में हरिओम पेंट के बगल में दानाआली निवासी रमेश मंगल एवं उमेश मंगल द्वारा 1800 वर्ग फीट भूमि पर 18 जुलाई 2017 को भवन अनुज्ञा ली गई थी। वार्ड 57 एवं क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 13 के तहत आने वाले इस भूखंड पर भवन स्वामी द्वारा तीन वर्ष तक कोई निर्माण नहीं किया गया और अवधि बढ़ाए जाने के पहले ही निर्माण शुरू कर दिया गया। चूंकि उसके द्वारा अवैध रुप से तलघर का निर्माण भी किया जा रहा था। इसीलिए पड़ोसियों ने इसकी शिकायत नगर निगम से की। साथ ही स्थानीय निवासी कपिल खंडूजा ने न्यायालय की शरण ली। जिस पर सप्तम अपर जिला न्यायाधीश मोहम्मद अजहर ने मामले की सुनवाई के बाद निर्माणकर्ता रमेशचंद मंगल एवं उमेश मंगल को विवादित स्थल पर नगर निगम की अनुमति के बिना किसी भी तरह का निर्माण न करने के आदेश दिए। जिस पर भवन निर्माणकर्ताओं ने अवधि बढ़ाने के लिए क्षेत्र क्रमांक 13 के क्षेत्राधिकारी एवं भवन निरीक्षक अमित गुप्ता से संपर्क किया। कायदे से अवधि बढ़ाने के लिए नोटशीट और फाइल चलती है जिस पर भवन अधिकारी एवं सहायक नगर निवेशक की अनुशंसा भी लगती है। किंतु क्षेत्राधिकारी ने यह कारनामा स्वयं ही कर डाला। उनके द्वारा 6 जून 2020 को प्रकरण क्रमांक जेड13डब्ल्यू57/0514/2017/3गुणा 3 में भवन अनुज्ञा को 17 जुलाई 2020 से 16 जुलाई 2021 तक बढ़ा दिया। इसके साथ ही भवन अधिकारी वीरेन्द्र शाक्य के फर्जी हस्ताक्षर से इसी तिथि में एक पत्र अनुज्ञा बढ़ाने का जारी कर दिया गया। जबकि शाक्य इस दिन भवन अधिकारी थे ही नहीं।

अब जवाब देते नहीं बन रहा

शिकायतकर्ताओं द्वारा निगम में आरटीआई लगाकर इन दस्तावेजों को मांगा गया। तब निगम के वरिष्ठ यंत्रियों ने स्पष्ट इंकार किया कि अवधि बढ़ाने की कोई फाइल वार्ड अथवा निगम मुख्यालय में नहीं है। इस मामले में जब क्षेत्राधिकारी अमित गुप्ता से चर्चा की गई, तब उन्होंने भी 6 जून 2020 को जारी दोनों अनुज्ञा के बारे में जानकारी होने से इंकार किया। साथ ही बोले कि इसकी अनुज्ञा बाद में दी गई है। लेकिन इसकी तिथि बताने में असमर्थता व्यक्त की। इसी तरह मौजूदा भवन अधिकारी बृजकिशोर त्यागी भी अनुज्ञा के बारे में किसी तरह की जानकार नहीं दे सके। वहीं पूर्व भवन अधिकारी वीरेन्द्र शाक्य ने कहा कि मेरे नाम से किसी ने हस्ताक्षर कर अनुज्ञा दी है, वह पूरी तरह से फर्जी है।

Updated : 13 April 2024 12:58 PM GMT
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top