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जाओ अटल राष्ट्र से कह दो... मैं कश्मीर आ गया हूँ

मैं संघर्ष से सफलता की और चलता रहा, चुनौतियों को पार कर आगे बढ़ता रहा – अटल

जाओ अटल राष्ट्र से कह दो... मैं कश्मीर आ गया हूँ
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ग्वालियर। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन वृत्तांत पर जन्म से लेकर शिक्षा प्राप्त करने, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने और राजनीति में शीर्ष तक पहुँचने के सफर पर आधारित एकल नाटक को कलाकार विपिन कुमार ने चंद्रभूषण सिंह की परिकल्पना एवं निर्देशन में प्रस्तुत किया । इस आयोजन में एक समय के लिए सभी दर्शको को लगा की मानो स्वयं अटल जी मंच पर अपने जीवन गाथा सुना रहे हो।

इस नाटक में मंचन कर बताया गया की किस प्रकार वह अपनी शिक्षा पूर्ण कर पांचजन्य के संपादक के रूप में अटल जी ग्वालियर आये, एक मासिक पत्रिका को साप्ताहिक पत्रिका कर कैसे सफलता की और ले गये। प्रति संस्करण किस प्रकार प्रतियां 2000 से 5000 एवं 12000 तक पहुँचने की कहानी सिलसिलेवार बताई। एक पत्रकार के रूप में वह जब कश्मीर आंदोलन में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ कश्मीर यात्रा पर गए थे उस दौरान किस प्रकार " मुखर्जी जी ने अटल जी को बुलाया और कहा की जाओ अटल राष्ट्र से कह दो मैं बिना परमिट कश्मीर आ गया हूँ।" इसका मंचन कर कलाकार ने साक्षात अटल जी बोल रहे हों ऐसा अनुभव कराया।


साथ ही राजनीती में आने एवं पहली बार सांसद बनने पर उनकी कार्यशैली का जिक्र किया की किस प्रकार उन्होंने सांसदों का दिल जीत लिया था और जब उन्होंने लोकसभा में पहली बार हिंदी में भाषण दिया तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बुलाकर पीठ थपथपायी और सदन में तारीफ करते हुए कहा की एक दिन यह लड़का देश का प्रधानमंत्री बनेगा।

इसके बाद आपातकाल के समय उनके जेल जाने के कटु अनुभव एवं मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री के रूप में पहली बार हिंदी में दिए गये अविस्मरणीय भाषण का जिक्र किया गया। इसके बाद जनसंघ बनने और भारतीय जनता पार्टी के गठन और उनके नेतृत्व में पार्टी के शीर्ष पर पहुँचने के साथ पहले तेरह दिन, फिर तेरह माह उसके बाद पांच वर्ष का पूर्ण कार्यकाल, जिसमे देश को परमाणु संपन्न बनाकर विश्व में परमाणु सम्पन्न राष्ट्रों में सम्मिलित करने आदि गाथाओ का मंचन किया गया।


इस नाटक का मंचन भगवत सहाय सभागार में अटल जी के जन्म दिवस के अवसर पर किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजक देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रहे जिनके कुशल प्रबंधन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया । उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की ग्वालियर के सपूत और भारत के लाड़ले हम सभी के प्रिय अटल जी के हमारे शहर का गौरव थे। वह ग्वालियर शहर की वह शान हैं जो भारत रत्न बनने से कई पहले ही ग्वालियर वासियो के लिए रत्न बन गए। उनका जीवन संघर्ष से सफलता की यात्रा हैं, उनके जीवन से हम सभी को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहीं हैं। भावी पीढ़ी भी उनके जीवन को समझ सकें एवं प्रेरणा ले सकें इसी उद्देश्य के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया हैं, जिसके माध्यम से हम उनके जीवन को समझने का प्रयास करेंगे एवं प्रेरणा ले सकेंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, विधायक भारत सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री माया सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने पुस्तक चंद्रभूषण सिंह द्वारा लिखित " मेरी यात्रा, अटल यात्रा" का विमोचन किया गया।

Updated : 25 Dec 2019 3:44 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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