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मुझे व्हाट्स एप पर मिला पत्र, परिसीमन की कार्रवाई जिलाधीश ही कराएं

निगमायुक्त के इंकार से परिसीमन को लेकर उलझन

मुझे व्हाट्स एप पर मिला पत्र, परिसीमन की कार्रवाई जिलाधीश ही कराएं
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कांग्रेस नेताओं ने उच्च न्यायालय में लगाई याचिका

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि।नगरीय निकाय के परिसीमन को लेकर जिलाधीश अनुराग चौधरी द्वारा दिए गए निर्देश पर निगमायुक्त संदीप माकिन को अपर आयुक्त ने पत्र लिखकर परिसीमन कराने को लिए निर्देशित किया था, इसपर निगमायुक्त श्री माकिन ने अपना जवाब यह दिया है कि जिस पत्र की आप बात कर रहे हैं, वह पत्र विधिवत मुझे नहीं मिला, बल्कि व्हाट्सएप पर प्राप्त हुआ, चूंकि अब वार्ड परिसीमन की समय अवधी गुजर चुकी है इसलिए जिलाधीश ही इसमें आगे कार्रवाई करें। इस तरह जिलाधीश और निगमायुक्त के बीच चले पत्राचार से यह लग रहा है कि नगर निगम के वार्डों में परिसीमन कब तक होगा यह तय नहीं है?इस बीच कुछ कांग्रेसी नेताओं ने परिसीमन ना होने का मामला उच्च न्यायालय में दायर कर दिया है जिस पर सुनवाई के बाद जिलाधीश से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है।

सूत्रों ने बताया कि जिलाधीश के निर्देश पर अपर कलेक्टर एवं परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण टीएन सिंह ने 16 अक्टूबर 2019 को निगमायुक्त को एक पत्र भेजा था। जिसमें 14 अगस्त 2019 को नगरीय निकाय परिसीमन के संबंध में राज्य शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग से आए पत्र का हवाला देते हुए कहा गया था कि इसके तहत आपको कार्रवाई कर शासन निर्देशों के पालन में वार्डों की सीमाओं के परिसीमन के प्रस्ताव प्रकाशनार्थ इस कार्यालय को भेजना है। फतेह कार्यवाही पूर्ण कर इस कार्यालय को प्रस्तुत करें। मजेदार बात यह है कि अपर आयुक्त के इस पत्र का जवाब निगमायुक्त श्री माकिन की ओर से 30 अक्टूबर को दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि 16 अक्टूबर को जिस पत्र की बात की जा रही है, वह पत्र मुझे प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि 28 अक्टूबर को व्हाट्सएप पर प्राप्त हुआ था। चूंकि कैलेंडर अनुसार प्रारंभिक प्रकाशन की तिथि व्यतीत हो चुकी है, ऐसी स्थिति में वार्डों का विस्तार एवं निर्णय जिलाधीश द्वारा लिए जाने का प्रावधान होने से आगे की कार्रवाई वे ही करें। श्री माकिन के इस जवाब में नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 10 के तहत अन्य बातें भी कही गई हैं। इससे स्पष्ट है कि जिले के अधिकारी परिसीमन को लेकर गंभीर नहीं है। वहीं

परिसीमन में हो रही देरी को लेकर कांग्रेसनेता राजेश बाबू तरुण यादव एवं दिनेश कौशिक ने मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की है इस मामले में न्यायमूर्ति श्री विशाल मिश्रा ने सुनवाई के बाद 1 सप्ताह के भीतर जिलाधीश से जवाब तलब किया है याचिका में कहा गया है कि बालों में मतदाताओं की संख्या में भारी अंतर है जबकि 15% से ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए इसी तरह अन्य अनियमितताओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष एमपीएस रघुवंशी एडवोकेट ने रखा।

कांग्रेस की अंतर्कलह उजागर

यहां बता दें कि जैसे ही नगर निगम में वार्डों के परिसीमन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के मंत्री, विधायकों एवं अन्य नेताओं ने अपने हिसाब से मतदाताओं को इधर-उधर कराना शुरू कर दिया। जिसमें इनके बीच की अंतर्कलह उभरकर सामने आई। इसी का परिणाम है कि अधिकारी, कांग्रेस के दबाव में परिसीमन का कार्य पूर्ण नहीं कर पाए।

Updated : 14 Nov 2019 11:04 AM GMT
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