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355 गलत भवन अनुज्ञा जारी करने का जवाब नहीं दे पा रहे निगमायुक्त

नगर एवं ग्राम निवेश आयुक्त सह संचालक ने मांगा है जवाब

355 गलत भवन अनुज्ञा जारी करने का जवाब नहीं दे पा रहे निगमायुक्त
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ग्वालियर। कहते हैं- सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। यह कहावत नगर निगम के भवन अधिकारियों पर सटीक बैठती है। नगर एवं ग्राम निवेश के आयुक्त सह संचालक भोपाल द्वारा जिन भवन अधिकारियों को पद से हटाया जा चुका था,उनसे 6 माह तक निगमायुक्त विनोद शर्मा ने भवन अधिकारी के रूप में काम लिया। इस दौरान दो भवन अधिकारियों ने लगभग 355 भवन अनुज्ञा गलत तरीके से जारी कर दी। इस मामले में 26 जून 2018 को स्वदेश द्वारा प्रमुखता से खबर छापे जाने के बाद नगर एवं ग्राम निवेश के आयुक्त सह संचालक द्वारा पत्र भेजकर पूछा गया है कि इन दो भवन अधिकारियों को हटाए जाने के बाद किस हैसियत से काम लिया गया। लेकिन इस पत्र का निगम आयुक्त द्वारा जवाब नहीं दिया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग एक माह पूर्व आयुक्त सह संचालक भोपाल राहुल जैन ने निगमायुक्त विनोद शर्मा को पत्र भेजकर पूछा है कि जब उनके यहां से 20 नवंबर 2017 को भवन अधिकारी पद से महेंद्र अग्रवाल और कीर्तिवर्धन मिश्रा को हटाया जा चुका था तो इनसे छह माह तक भवन अधिकारी के रूप में किस हैसियत से काम लिया गया। निगमायुक्त ने इन दोनों को 11 मई 2018 को इस पद से हटाया। लेकिन इस बीच 6 माह में महेंद्र अग्रवाल ने 251 और कीर्तिवर्धन मिश्रा ने 104 भवन अनुज्ञा जारी कर दी। भवन अनुज्ञा में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार कर गलत इन्हें गलत ढंग से जारी करने के मामले सामने आए।जबकि यह दोनों भवन अधिकारी के पद पर अवैधानिक रूप से कार्यरत थे।सूत्रों ने बताया कि श्री जैन का पत्र आने के बाद नगर निगम में खलबली मची हुई है और इस पत्र का जवाब दिए जाने की बजाए उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। इसके पहले 20 नवंबर 2017 के उस पत्र को भी दबाने की कोशिश की गई थी,जिसमें इन दोनों भवन अधिकारियों को हटाया गया था।

यहां बता दें कि हाल ही में सिंधी कॉलोनी में एक भवन अनुज्ञा की अनुशंसा पर एक भवन अधिकारी को बिना नोटिस दिए सीधे निलंबित कर दिया गया। जबकि स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट भवन निरीक्षक द्वारा दी गई थी। जबकि दूसरे भवन अधिकारियों के घपलें-घोटालों की अनेक फायलें निगम दफ्तर में धूल खा रही हैं। इसके पहले एक भवन अधिकारी ने ग्राम जड़ेरुआ खुर्द के भिंड रोड पर सर्वे क्रमांक 99 पर नगर ग्राम निवेश द्वारा भवन विकास अनुज्ञा निरस्त किए जाने के बावजूद बने-बनाए भवन पर 19 अप्रैल 2018 को जी प्लस टू की गैर आवासीय भवन अनुज्ञा गलत ढंग से जारी कर दी गई। इसी तरह ओहदपुर के राजकमल टॉवर को भी फर्जी तरीके से भवन अनुज्ञा देने का काम हुआ। इसके अलावा महाराज बाडा़ क्षेत्र से लगे दर्जी ओली में भी अनूप पटेरिया और संतोष गुप्ता को फर्जी भवन अनुज्ञा जारी की गई।लेकिन इतने सारे कारनामों पर निगम आयुक्त आंखों पर पर्दा डाले बैठे हैं।इससे स्पष्ट है कि नगर निगम में अंधेर नगरी चौपट राजा वाला खेल चल रहा है। इस बारे में जब निगम आयुक्त विनोद शर्मा से बात करना चाही तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।

''नगर निगम ग्वालियर में भवन अधिकारियों द्वारा पद पर न रहने के बावजूद भवन अनुज्ञा जारी करने की शिकायत मिलने पर निगम आयुक्त को पत्र भेजकर पूछा गया है कि इनसे किस हैसियत से भवन अधिकारी का काम लिया गया।इसका जवाब अभी प्राप्त नहीं हुआ है।ÓÓ

राहुल जैन, आयुक्त सह संचालक,नगर एवं ग्राम निवेश भोपाल

Updated : 29 Aug 2018 2:03 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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