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100 लोगों पर अजा-जजा कानून लगवाने वाले पार्षद के पैरोकार बने कांग्रेस अध्यक्ष

100 लोगों पर अजा-जजा कानून लगवाने वाले पार्षद के पैरोकार बने कांग्रेस अध्यक्ष
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। कांग्रेस पार्षद दल के उपनेता एवं वार्ड 21 के पार्षद चतुर्भुज धनौलिया के मामले में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा तीन रोज पहले ही उनका साथ देने को तैयार नहीं थे और यह कहकर मदद से इनकार कर दिया था कि क्या आपने हमसे अथवा पार्टी से पूछकर 100 लोगों के खिलाफ अजा-जजा कानून लगवाया। लेकिन इसके मात्र तीन दिन बाद ही अध्यक्ष उसी पार्षद के पैरोकार बनकर पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन के पास जा पहुंचे। इसके लिए वे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को साथ नहीं ले गए।

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों क्षेत्र में गड्ढा होने और अन्य समस्याओं को लेकर कुछ लोगों ने कांग्रेस पार्षद चतुर्भुज धनौलिया के यहां प्रदर्शन किया था, जिसपर श्री धनौलिया ने थाटीपुर थाना में 100 लोगों के खिलाफ अजा-जजा कानून के साथ मारपीट आदि का मुकदमा दर्ज करा दिया था। इस पर मामला गरमाया तो पुलिस कप्तान ने तत्कालीन थाना प्रभारी को लाइन भेज दिया।साथ ही एक महिला की शिकायत पर पार्षद के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया।इसके बाद यह पार्षद अपनी मदद के लिए जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचा तो वहां अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने एक दर्जन वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक ली, जिसमें पार्षद से साफ-साफ कह दिया था कि यह आपका निजी मामला है।आपने एक साथ जनता के सौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, यह काम अध्यक्ष अथवा पार्टी से पूछकर नहीं किया, इसलिए आपकी मदद नहीं की जा सकती। इसके तीन दिन बाद श्री शर्मा को न जाने क्या हुआ और वे पार्षद के पक्ष में आ गए। इसके लिए उनपर ग्वालियर पूर्व के युवा नेता मितेंद्र दर्शन सिंह का दवाब माना जा रहा है। क्योंकि चतुर्भुज मितेन्द्र के साथ रहते हैं और इन दिनों मितेंद्र एवं मुन्नालाल गोयल एक हो गए हैं। इसी दबाव के चलते शर्मा इनकी बातों में आ गए। पता लगा है कि अध्यक्ष ने अपने साथ रहने वाले दो नेताओं को पुलिस कप्तान के पास चलने को कहा, लेकिन उन दोनों के इंकार करने पर उन्होंने अपने विरोधी पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल को बुला लिया। लेकिन अन्य वरिष्ठ नेताओं को साथ ले जाना मुनासिब नहीं समझा। तब यह चार नेता पुलिस कप्तान के पास पहुंचे वहां धनौलिया को निर्दोष बताते हुए उसका नाम एफआईआर से हटाने की मांग की गई। वहां धनौलिया का कहना था कि उसने अजा-जजा कानून नहीं लगवाया, बल्कि पुलिस ने अपने आप एफआईआर में ऐसा दर्ज कर लिया। पुलिस कप्तान ने इनकी बात सुनने के बाद सारी बातें लिखित में देने को कहा है।

उधर जैसे ही यह खबर कांग्रेस नेता अमित दुबे को लगी तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। श्री दुबे इन दिनों आरक्षण का विरोध करते हुए आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं और चतुर्भुज धनौलिया के खिलाफ थाने पर प्रदर्शन में भी आगे रहे थे। उन्होंने कहा है कि वह अब तक कांग्रेस की रीति नीतियों के साथ थे, परंतु अब उनका रवैया देख कर मैं इस्तीफा दे रहा हूं, एस्ट्रोसिटी एक्ट बेहद घातक है। चूंकि कांग्रेस नेताओं ने धनौलिया के पक्ष में ज्ञापन दिए है जो निंदनीय हैं। यह सीधे तौर पर सवर्ण एवं अल्पसंख्यकों को दबाने का प्रयास है। अत: इस तरह के कार्य करने वाली पार्टी में कार्य करना उचित नहीं समझता। उन्होंने अपना इस्तीफा शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सुपुर्द करते हुए प्राथमिक सदस्यता से मुक्त करने की मांग की है।

Updated : 19 Sep 2018 2:57 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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