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डॉ. रूप शर्मा को बचाने में जुटा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन

संभाग आयुक्त ने दिए कार्रवाई के निर्देश, अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति पर भी उठ रहे सवाल

डॉ. रूप शर्मा को बचाने में जुटा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन
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ग्वालियर, न.सं. गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में डॉ. रूप शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आने के बाद अब अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति पर भी उंगलियां उठ रही हैं। महाविद्यालय में ऐसे कई चिकित्सक हैं, जिन्होंने निजी महाविद्यालय के सर्टिफिकेट पर नौकरी हासिल की है। इसको लेकर अब सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि कहीं डॉ. रूप शर्मा की तरह अन्य चिकित्सकों ने भी तो ऐसे ही फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल तो नहीं की है? इधर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले डॉ. रूप शर्मा को महाविद्यालय प्रबंधन पूरी तरह बचाने में लगा हुआ है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा डॉ. शर्मा पर कार्रवाई करने के निर्देश गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. सरोज कोठारी को दिए गए थे, लेकिन प्रभारी अधिष्ठाता कार्रवाई की जगह मामले को घुमाने में लगी हुई हैं। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. रूप शर्मा की सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति सितम्बर 2018 में हुई थी।

इसको लेकर चिकित्सक डॉ. सतेन्द्र राजपूत ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को शिकायत करते हुए कहा था कि डॉ. शर्मा ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल की है। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जब जांच कराई तो पता चला कि संबंधित चिकित्सक ने अपना सीनियर रेसीडेंट का जो सर्टिफिकेट जमा किया है, वह फर्जी है। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग की डीएमई उल्का श्रीवास्तव ने संबंधित चिकित्सक की नियुक्ति समाप्त करने के साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के निर्देश महाविद्यालय की प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. सरोज कोठारी को दिए थे। इसके बाद आज सात दिन बीत जाने के बाद भी महाविद्यालय प्रबंधन डॉ. शर्मा की नियुक्ति निरस्त नहीं कर पाया है। इतना ही नहीं, महाविद्यालय प्रबंधन पूरे मामले को घुमाने में लगा हुआ है। इस मामले में संभाग आयुक्त एम.बी. ओझा का कहना है कि डॉ. शर्मा पर कार्रवाई के लिए शासन ने निर्देश दिए हैं, उसमें वह कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते। महाविद्यालय प्रबंधन को डॉ. शर्मा की नियुक्ति समाप्त करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

जांच कराई जाए तो निकलेगा पीएमटी से भी बड़ा फर्जीवाड़ा

डॉ. रूप शर्मा का मामला सामने आने के बाद अन्य ऐसे चिकित्सकों की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जिन्होंने निजी महाविद्यालय से सीनियर रेसिडेंट कर सर्टिफिकेट महाविद्यालय में जमा किया है। ऐसे में अगर महाविद्यालय प्रबंधन उन सभी चिकित्सकों के सर्टिफिकेट की जांच कराए, जिन्होंने निजी महाविद्यालय का सर्टिफिकेट जमा किया है तो यह पीएमटी से भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा।

क्यों दर्ज नहीं कराई गई प्राथमिकी

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि डॉ. रूप शर्मा का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा डॉ. शर्मा पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई? जबकि नियुक्ति से पहले डॉ. रूप शर्मा द्वारा एक शपथ पत्र महाविद्यालय को दिया था, जिसमें कहा गया था कि उनके द्वारा जमा किए गए सभी दस्तावेज सही और सत्य हैं।

Updated : 13 Nov 2019 9:27 AM GMT
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