सिंधिया के कहने के बाद भी मेला में वाहनों पर मप्र सरकार नहीं देगी छूट !
प्रभावित हो सकता है 600 करोड़ का व्यापार
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ग्वालियर/वेब डेस्क। मध्यप्रदेश सरकार का खजाना खाली है। सरकार लगभग दिवालिया हो चुकी है। सरकार अपना खजाना भरने के लिए नए-नए स्त्रोतों को ढूंढ़ रही है। पैसा नहीं होने से प्रदेश में विकास कार्यांे और रोजगार पर ग्रहण लग गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में भोपाल में हुई कैबिनेट की बैठक में मेला अवधि के दौरान वाहनों पर रोड टैक्स में छूट मिलने की आस लगाए बैठे शहरवासी, ऑटो मोबाइल कारोबारी एवं मेला प्राधिकरण को निराशा हाथ लगी। कैबिनेट की बैठक में मेला में वाहनों पर मिलने वाली छूट को लेकर कोई चर्चा ही नहीं की गई। अगर प्रदेश सरकार ने मेला अवधि के दौरान वाहनों पर रोड टैक्स में छूट नहीं दी तो मेला में 600 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने वाहनों पर 50 प्रतिशत रोड टैक्स में छूट प्रदान की थी। इस छूट से मेला का जो व्यापार 100 करोड़ रुपए का होता था, वह बढक़र 700 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया था। मेला में वाहनों पर रोड टैक्स में छूट देने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है। ग्वालियर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री कमलनाथ पैसे का रोना रोते हुए कह रहे थे कि मेला में वाहनों पर रोड टैक्स में छूट देने से सरकार को 30 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत 28 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कह रहे थे। परिवहन मंत्री ने कहा था कि मेला में वाहनों पर रोड टैक्स में छूट का निर्णय कैबिनेट की बैठक में होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। राज्य सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार लगभग दिवालिया हो चुकी है।
इसके साथ ही सरकार कर्ज के बोझ से भी दबी हुई है। ऐसे में सरकार मेला अवधि के दौरान वाहनों पर रोड टैक्स में छूट देने के पक्ष में कतईं नहीं है। छूट नहीं मिलने की खबर से मेला सैलानियों के चेहरों पर निराशा छा गई है।
सभी सेक्टरों में हुआ था अच्छा कारोबार
वर्ष 2018-19 में वाहनों पर रोड टैक्स में छूट मिलने के कारण ग्वालियर व्यापार मेला से करोड़ों रुपए के वाहनों की बिक्री हुई थी। मेला में 40 से 50 ऑटो मोबाइल सेक्टरों की दुकानें भी लगाई गईं थीं, साथ ही मेला के अन्य सेक्टरों में भी अच्छा कारोबार हुआ था।
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