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गायों की मौत : मंत्री लाखन सिंह ने किया निरीक्षण, कहा कृत्य माफी योग्य नहीं

एसडीएम ने लिए 16 लोगों के बयान, दफनाने में पंचायत के लोग शामिल

गायों की मौत : मंत्री लाखन सिंह ने किया निरीक्षण, कहा कृत्य माफी योग्य नहीं
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मामला डबरा तहसील के समूदन गांव में गायों की मौत का

ग्वालियर। डबरा तहसील के समूदन गांव में सरकारी विद्यालय के एक छोटे से कमरे में कथित रूप से बिना चारा-पानी के ठूंस-ठूंस कर बंद किए जाने से हुई 17 गायों की मौत का मामला भोपाल तक जा पहुंचा है। इधर शुक्रवार को जांच अधिकारी बनाए गए डबरा एसडीएम ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने इस संबंध में 16 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। प्रशासन की जांच में प्रथम दृष्टया सामने आया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने गायों को 14 अक्टूबर की रात को कमरे में बंद कर दिया था और 15 अक्टूबर को सुबह उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि गायों को किसने बंद किया था? अभी तक नाम सामने नहीं आए हैं। जबकि गायों को दफनाने वालों के नाम सामने आ गए हैं। वहीं पशु पालन मंत्री लाखन सिंह यादव भी मौके पर पहुंचे और अधिकारियों व कर्मचारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उक्त मामले को जानबूझकर छिपाने का प्रयास किया गया है।

मामले की जांच कर रहे एसडीएम आर.के. पाण्डेय का कहना है कि अभी 16 लोगों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। जांच में सामने आ रहा है कि गांव के कुछ लोगों ने गायों से परेशान होकर उन्हें शासकीय मिडिल विद्यालय के कमरे में बंद कर दिया था। जिस कमरे में गायों को बंद किया गया था, वह पटवारी क्वार्टर था, लेकिन यह पटवारी के लिए आवंटित नहीं हुआ था, इसलिए कुछ असामाजिक तत्वों ने खाली जगह देख कर गायों को बंद कर दिया। गायों को दफनाने और बंद करने वाले अलग-अगल लोग हैं। दफनाने वालों में पंचायत के चार से पांच जिम्मेदार लोग शामिल हैं, लेकिन अभी तक गायों को बंद करने वालों का पता नहीं चल सका है, जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा। पशु पालन मंत्री लाखन सिंह यादव भी शुक्रवार को घटना स्थल पर पहुंचे और कहा कि शाला में आंगनबाड़ी केन्द्र और पटवारी कार्यालय स्थित होने के बाद भी यहां पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गायों की मृत्यु की जानकारी न होना आश्चर्य की बात है। इनके द्वारा उक्त जानकारी को जानबूझकर छिपाने का प्रयास किया गया है। इनके विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि जिन लोगों द्वारा यह कृत्य किया गया है, वह माफ करने योग्य नहीं है। गायों की मृत्यु के संबंध में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी, जिससे इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

पशु कल्याण समिति भंग

इस मामले के सामने आने के बाद पशु पालन मंत्री श्री यादव ने पूर्व में गठित पशु कल्याण समिति को भी भंग कर दिया है। उन्होंने नई समिति गठित करने के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि समिति में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय पत्रकारों को भी शामिल किया जाए।

बिजली न होने का उठाया फायदा

इस मामले में यह भी सामने आ रहा है कि जिस स्कूल में गायों को बंद किया गया था, उसकी डीपी खराब होने के कारण लाइट भी नहीं थी। इसी का फायदा उठाकर असामाजिक तत्वों ने गायों को कमरे में बंद कर दिया और किसी को पता ही नहीं चल सका।

इनके लिए बयान

  1. परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़।
  2. ग्राम सचिव राजाराम जाटव।
  3. सुपरवाइजर मंजू आर्य।
  4. आंगनबाड़ी सहायिका रामबाई जाटव।
  5. माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका अनीता भोगी।
  6. बीएसी प्रदीप मिश्रा।
  7. डीओसी कमलेश कुमार जाटव।
  8. माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक गंगाप्रसाद राजपूत।
  9. रोजगार सहायक नारायण सिंह।
  10. प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक प्रमोद कुमार केन।
  11. बीआरसीसी धर्मेन्द्र पाठक।
  12. आगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमाबाई जाटव।
  13. सरपंच कैलाशी जाटव।
  14. पटवारी सुन्दर सिंह राणा।
  15. मुकेश परिहार।

Updated : 19 Oct 2019 9:23 AM GMT
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