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अब कैंसर पीडि़तों को शहर में ही मिलेगा बेहतर इलाज

जयारोग्य में बनेगा टर्सरी कैंसर केयर सेंटर, शासन ने पीआईयू को दिया पैसा

अब कैंसर पीडि़तों को शहर में ही मिलेगा बेहतर इलाज
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। ग्वालियर-चम्बल अंचल के कैंसर पीडि़त मरीजों को इलाज के लिए अब दिल्ली या मुम्बई जैसे बड़े शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा। कैंसर पीडि़तों को अब जल्द ही ग्वालियर शहर में ही बेहतर इलाज मिलेगा। केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से जयारोग्य अस्पताल में दिल्ली-मुम्बई की तर्ज पर करीब 42 करोड़ का प्रोजेक्ट 'टर्सरी कैंसर केयर यूनिटÓ जल्द आकार लेगा। शासन द्वारा सात करोड़ रुपए लोक निर्माण विभाग के पीआईयू विभाग को पैसा भेज दिया गया है, साथ ही एचएलएल कम्पनी को उपकरणों के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें करीब 32 करोड़ के अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे, जबकि लोक निर्माण विभाग द्वारा टेंडर जारी करते हुए ठेकेदार भी नियुक्त कर दिया गया है। ठेकेदार ने गत दिवस जयारोग्य अस्पताल पहुंचकर भवन निर्माण के लिए भूमि का निरीक्षण किया। यह भवन ऑन्कोलॉजी के पीछे दो मंजिला बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देना है। ऑन्कोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अक्षय निगम ने बताया कि सेन्टर शुरू करने के लिए ठेकेदार द्वारा विगत दिवस निरीक्षण किया गया था। ठेकेदार को भवन निर्माण के लिए छह माह का समय दिया गया है, लेकिन यह सेन्टर पूरी तरह तैयार होने में करीब एक वर्ष लगेगा। इसके साथ ही इस सेन्टर में स्टाफ व चिकित्सकों की डिमांड भी गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एन. अयंगर को भेज दी गई है। यह यूनिट शुरू होने से ऐसे कैंसर के रोगी, जो निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करा सकते हैं, वह अत्यधिक लाभान्वित होंगे।

यह रहेगा स्टाफ: डॉ. निगम ने बताया कि टर्सरी कैंसर केयर सेंटर शुरू करने के लिए एक रेडियोथैरेपिस्ट, एक मेडिसिन चिकित्सक, आठ टेक्नीशियन और दो कम्पयूटर ऑपरेटरों की जरूरत पड़ेगी।

-टर्सरी कैंसर केयर यूनिट में लाइनर एक्सेलेटर मशीन लगाई जाएगी, जिसमें कैंसर के मरीजों की बेहतर शिकाई होगी।

-हाई कैपेसिटी सीटी सिम्यूलेटर मशीन से मरीजों के आंतरिक अंगों का परीक्षा किया जा सकेगा। इसके साथ ही इस मशीन से यह भी देखा जा सकेगा कि मरीज के किस हिस्से में शिकाई होना है।

-ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम से कैंसर रोगी को शिकाई के दौरान दिए जाने वाले डोज को कैलकूलेट किया जाएगा।

-पैट सीटी स्कैन मशीन से कैंसर रोगी की एमआरआई जैसी जांच की जाएगी, लेकिन यह जांच एमआरआई से भी ज्यादा आधुनिक होगी और इसमें मरीज की बीमारी बहुत आसानी से दिखेगी।

Updated : 1 Oct 2018 1:32 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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