प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में होगी लोकपाल की नियुक्ति
छात्रों की बढ़ती शिकायतों का समय पर निराकरण न होने से चिंतित है शासन उच्च् शिक्षा विभाग ने नियुक्ति के लिए निकाला विज्ञापन
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ग्वालियर। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय, एमिटी एवं आईटीएम सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति की जाएगी। न्यायाधीश या अवकाश प्राप्त प्राध्यापक की लोकपाल पद पर नियुक्ति की जाएगी। विश्वविद्यालयों में छात्रों की बढ़ती शिकायतों और उनका समय पर निराकरण न होने की वजह से उच्च शिक्षा विभाग काफी चिंतित है, इसलिए विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति की जा रही है। विभाग ने नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाल दिया है और आवेदन मांगे हैं।
विश्वविद्यालयों की लेतलाली एवं लापरवाही की वजह से छात्रों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है। दिनों दिन विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। अंकसूची, करेक्शन, परिणाम सहित अन्य समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं भटकते रहते हैं, पर उनकी समस्या का निदान समय पर नहीं होता है। कई बार विवि की मनमानी से परेशान छात्र आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं। शासन स्तर पर लगातार इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं, जिसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी काफी चिंतित हैं। शासन ने इन समस्याओं के निदान के लिए प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। विभाग ने इसके लिए विज्ञापन निकाल दिया है। शासन की मंशा है कि एक-दो माह के भीतर लोकपाल की नियुक्ति हो जाए, जिससे छात्रों को परेशानियों से छुटकारा मिल सके।
न्यायाधीश या प्राध्यापक ही बनेंगे लोकपाल
विश्वविद्यालय में लोकपाल वह व्यक्ति होगा, जो न्यायाधीश रहा हो और जिला न्यायाधीश से निलचे पद का न हो अथवा अवकाश प्राप्त प्राध्यापक हो, जिसके पास एक प्राध्यापक के रूप में कम से कम दस साल का अनुभव हो।
इन विश्वविद्यालयों में होना है लोकपाल की नियुक्ति
राज्य विश्वविद्यालय
-जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
-अवधेश प्रतापसिंह विश्वविद्यालय, रीवा
-महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर
-डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू
-महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट
-पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल
निजी विश्वविद्यालय
-एमिटी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
-आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर
-जे.पी. विश्वविद्यालय राघौगढ़, गुना
-पीपुल्स विश्वविद्यालय भानपुर, भोपाल
-आईसेक्ट विश्वविद्यालय भोजपुर, रायसेन
-आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, भोपाल
-एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
-स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागर
-ओरिएंटल विश्वविद्यालय, इन्दौर
-टेक्नो ग्लोबल विश्वविद्यालय, विदिशा
-जागरण लेक सिटी विश्वविद्यालय, भोपाल
-श्री सत्यसांई विश्वविद्यालय, सिरोह
-सर्वपल्ली राधाकृष्णन विश्वविद्यालय, भोपाल
-एलएनसीटी विश्वविद्यालय, भोपाल
-श्री वैष्णन विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इन्दौर
-मेडिकेप्स विश्वविद्यालय राऊ, इन्दौर
-पी.के. विश्वविद्यालय, शिवपुरी
-मंदसौर विश्वविद्यालय, मंदसौर
-एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय, इन्दौर
-माल्वांचल विश्वविद्यालय, इन्दौर
-जीएचआर विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा
-डी.सी. विश्वविद्यालय, इन्दौर
-सिम्वाईसेस विश्वविद्यालय, इन्दौर
-अवंतिका विश्वविद्यालय, उज्जैन
-बीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय, सीहोर
-रिनेसा विश्वविद्यालय, इन्दौर
-सेज विश्वविद्यालय, इन्दौर
-महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, कटनी
तीन वर्ष का होगा कार्यकाल
लोकपाल एक अंशकालिक अधिकारी होगा, जिसे तीन वर्ष के लिए अथवा 70 वर्ष की आयु प्राप्त होने तक इनमें से कार्यभार संभालने की तिथि से जो भी पहले हो नियुक्त किया जाएगा। उसी विश्वविद्यालय में उसे एक और सत्र के लिए भी नियुक्त किया जा सकता है।
इनका कहना है
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति की जाना है। इस संबंध में विज्ञापन निकाल दिया गया है। विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया है कि वह विज्ञापन वेबसाइट पर अपलोड करें, जिससे अच्छे व्यक्ति आवेदन कर सकें।
-डॉ. डी.पी. सिंह
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग
Swadesh Digital
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