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आनंदी बेन ने किया जिला अस्पताल का निरीक्षण, कहा-दवाएं पूरी क्यों नहीं हैं?

यहां पूरी दवाएं क्यों नहीं है, यहां जो दवाई रखीं हैं वह मैं कैसे मान लूं कि यह सरकारी है या आपने बाहर से मंगाई है।

राज्यपाल के जाते ही मरीज को लौटाया, तीन दिन से भटक रहा मरीज

अव्यवस्थाएं छुपाने में जुटे रहे चिकित्सक, नहीं करने दी शिकायत

ग्वालियर | यहां पूरी दवाएं क्यों नहीं है, यहां जो दवाई रखीं हैं वह मैं कैसे मान लूं कि यह सरकारी है या आपने बाहर से मंगाई है। आपको दवाएं पूरी रखनी चाहिए। यह बात राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए चिकित्सकों से कही। निरीक्षण के दौरान चिकित्सक अस्पताल की कमियों को छुपाने में लगे रहे। अस्पताल की अव्यवस्थाओं से परेशान मरीज अपनी पीड़ा राज्यपाल को सुना पाते कि इससे पहले चिकित्सक उन्हें पकड़ कर ले गए। लेकिन चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बाद भी एक महिला स्टॉफ ने अपनी शिकायत राज्यपाल को सुनाई। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सबसे पहले जिला अस्पताल मुरार पहुंची और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ट्रॉमा सेन्टर में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी ली और वहां मौजूद मरीज बल्लू कुशवाह से बात कही। बल्लू ने बताया कि उसे कुत्ते ने काट लिया है, इसलिए वह इंजेक्शन लगवाने आया है। इसी बीच वहां मौजूद चिकित्सक ने कहा कि मरीज को इंजेक्शन लगया जा रहा है। लेकिन जैसे ही राज्यपाल ट्रॉमा से निकल कर गैलरी में पहुंची तो चिकित्सक ने उसे यह कहते हुए मरीज को वापस लौटा दिया कि इंजेक्शन नहीं है कल आना।

इतना ही नहीं पिछले दिन से इंजेक्शन लगवाने के लिए चक्कर काट रहा कल्लू जब अपनी पीड़ा सुनाने राज्यपाल के पास पहुंचा तो वहां मौजूद चिकित्सकों ने उसे बीच में ही रोक लिया और शिकायत नहीं करने दी। इसी तरह दांत के उपचार के लिए पिछले एक माह से अस्पताल के चक्कर काट रहा ओमवीर जब ओपीडी में दिखाने पहुंचा तो वहां मौजूद चिकित्सक ने उसका पर्चा फेंक दिया, जिससे बाद ओमवीर सीधा राज्यपाल के पास शिकायत करने जा पहुंचा। लेकिन ओमवीर शिकायत करता उससे पहले वहां मौजूद डॉ. अमित रघुवंशी ने उसे रोक लिया। जिस पर ओमवीर भड़क गया और कहने लगा कि मैं दात उखड़वाने के लिए चक्कर काट चुका हूं, लेकिन चिकित्सक ने मेरा पर्चा मुंह पर फेंक दिया, साथ ही मेरे साथ अभद्रता भी की। यह सुन डॉ. रघुवंशी मरीज को सीधे डेन्टल ओपीडी लेकर पहुंचे और उसका दांत भी निकलवा दिया।

निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने दवा स्टोर में रखी दवाओं की भी जानकरी ली, जिस पर वहां मौजूद स्टॉफ ने बताया कि ओपीडी में 196 प्रकार की आवश्यक दवाएं है, जिसमें से यहां 182 दवाएं उपलब्ध है। इस पर उन्होंने दवाएं पूरी रखने की बात कही और खुद ही दवाओं को उठा कर एक्सपायरी डेट भी देखी। इसके साथ ही उन्होंने वार्ड में भर्ती बच्चों को फल वितरित किए। राज्यपाल ने इसके अलावा डायलेसिस कक्ष, आकस्मिक चिकित्सा सेवा व ओपीडी इत्यादि का जायजा भी लिया। उन्होंने वार्डों में भर्ती मरीज के पलंग पर ही बीमारी की केस हिस्ट्री का ब्यौरा रखने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए।

जिलाधीश के निर्देश के बाद भी परेशान होते रहे मरीज

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निरीक्षण को देखते हुए जिलाधीश ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि निरीक्षण के दौरान सभी चिकित्सक अपने कक्ष में बैठें, जिससे मरीजों को परेशानी न हो। उसके बाद भी चिकित्सक अपने कक्षों से गायब रहे और पूरे समय तक निरीक्षण में ही घूमते रहे, जिस कारण मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

महिला स्टाफ ने कहा, मुझे सिविल सर्जन परेशान कर रहे हैं

राज्यपाल जैसे ही एसएनसीयू का निरीक्षण करके बाहर निकली तभी एक महिला स्टाफ सरिता श्रीवास्तव उनके पास पहुंची और सिविल सर्जन पर परेशान करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की। महिला का कहना था कि पति की मृत्यु के बाद उसकी अनुकम्पा नियुक्ति है। वह पिछले पांच वर्षों से रेडियोलॉजी विभाग में कार्य कर रही है। सिविल सर्जन डॉ. वीके गुप्ता उसे हटा कर जच्चा खाने भेज दिया। लेकिन वहां उसे हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर तक नहीं करने दे रहे हैं, जिसको लेकर वह कई बार सिविल सर्जन से बात भी कर चुकी है, फिर भी आए दिन सिविल सर्जन नए आदेश जारी कर उसे परेशान करने में लगे हुए हैं। इस पर राज्यपाल ने महिला की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए भोपाल शिकायत भेजने की बात कही।



Updated : 20 Jun 2018 3:57 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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