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चुनावी व्यय की निगरानी के लिए बनेंगी टीमें

प्रदेश के सभी 65340 मतदान केंद्रों की सुरक्षा को लेकर भी पुलिस विभाग को दिए निर्देश

चुनावी व्यय की निगरानी के लिए बनेंगी टीमें
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भोपाल। मध्यप्रदेश में नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले चुनावी व्यय की निगरानी के लिए टीमें बनेंगी। ये टीमें लगातार राजनीतिक दलों एवं नेताओं पर नजर रखेंगी कि कहीं ये तय खर्च सीमा से अधिक राशि तो नहीं खर्च कर रहे हैं। इसके लिए एफएसटी, एसएसटी, क्यूआरटी सहित अन्य टीमें बनाकर इन्हें चुनावी व्यय को रोकने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी तरह प्रदेश के सभी ६५३४० मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग से फोर्स संबंधी जानकारी भी बुलाई गई है। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश वीएल कांताराव द्वारा दी गई है।

उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर निर्वाचन आयोग की तैयारियां जारी हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर लगातार काम किया जा रहा है। तैयारियों के संंबंध में पिछले दिनों मंत्रालय में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी। उन्होंने बताया कि बैठक में चुनाव के दौरान सुरक्षा, उपलब्ध बल सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इसमें आयोग ने कहा है कि सभी मतदान केंद्रों की सुरक्षा को लेकर उपलब्ध बल सहित जिलों में तैनात बल की स्थिति बताएं। इसके अलावा जिला सुरक्षा कार्ययोजना प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले चुनाव के दौरान अपराध करने वाले अपराधियों, पेंडिंग प्रकरणों के निराकरण को लेकर भी आयोग ने निर्देश दिए हैं। इसके अलावा अंतरराज्जीय सीमा पर ड्रापगेट, बैरियर, बैकपोस्ट पर निगरानी रखने के लिए लोकनिर्माण विभाग, रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन, राष्ट्रीय राज्य मार्ग आदि से समन्वय करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

सीसीटीव्ही कैमरों का होगा उपयोग

सीईओ मध्यप्रदेश वीएल कांताराव ने बताया कि इस बार चुनाव के दौरान सीसीटीव्ही कैमरों से भी निगरानी की जाएगी। इसके लिए पुलिस द्वारा लगाए गए 10 हजार कैमरों से मदद ली जाएगी और इनका उपयोग कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के साथ ही आदर्श आचार संहिता के दौरान किया जाएगा। इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम भी तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन व निगरानी के लिए एक विशेष पोर्टल तैयार किया गया है। इसमें प्रतिदिन एवं साप्ताहिक रिपोर्ट ली जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से इस बार चुनाव के दौरान आयोग द्वारा एफएसटी की टीम के वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा।

१३ जिलों में ईव्हीएम-व्हीव्हीपीएटी का कार्य पूर्ण

चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोग द्वारा 13 जिलों सतना, डिंडौरी, नीमच, होशंगाबाद, मुरैना, बालाघाट, धार, टीकमगढ़, सिंगरौली, छतरपुर, गुना, खरगौन और अनूनपुर में ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी दोनों की एफएलसी पूर्ण कर ली गई है। इसी तरह भोपाल, शिवपुरी, उमरिया, छिंदवाड़ा, राजगढ़, बैतूल, सीधी, सिवनी, मंदसौर सहित 20 जिलों में ईव्हीएम, व्हीव्हीपीएटी की एफएलसी का कार्य चल रहा है। 15 जिलों में यह कार्य शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा।

बढ़ गए कर्मचारी वोटर

प्रदेश में इस बार कर्मचारी वोटरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में २२ हजार ७३५ कर्मचारी वोटर थे, लेकिन इस बार की मतदाता सूची के प्रकाशन के दौरान सर्विस वोटरों की संख्या ५१ हजार २८३ हो गई थी। इसके बाद भी इनके आवेदन प्राप्त होते रहे। इसी तरह वर्तमान में सर्विस वोटरों की संख्या ५६ हजार ६८२ हो गई है। यानी कि 2013 के मुकाबले इस १५ प्रतिशत कर्मचारी वोटरों में इजाफा हुआ है।

संदर्भ तथ्य

=97800 बैलेट यूनिट

=81500 कंट्रोल यूनिट

=84760 वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल

Updated : 8 Aug 2018 9:17 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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