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शिवराज ने कहा - जनता के हर आंदोलन को नाटक-नौटंकी कहना जनता का अपमान

शिवराज ने कहा - जनता के हर आंदोलन को नाटक-नौटंकी कहना जनता का अपमान
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भोपाल। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में खेतों में पहुंचकर फसल नुकसानी का जायजा लिया था, जिसे कमलनाथ सरकार में जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने नौटंकी बताया था। शनिवार को भी शिवराज ने मंदसौर में बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया था, जिसे मंत्रियों ने नौटंकी बता दिया। इसी को लेकर शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया ट्वीटर के माध्यम से कहा है कि जनता के हर आंदोलन को नाटक और नौटंकी कहना जनता का अपमान है।

शिवराज ने रविवार को ट्वीटर पर बाढ़ पीड़ितों के विचारों को साझा किया है, साथ ही प्रदेश की कांग्रेस पर निशाना भी साधा। उन्होंने ट्वीट किया है कि -' मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से निवेदन करता हूं कि वे अपने मंत्रियों को बयानबाजी से रोकें। जनता के हर आंदोलन को नाटक और नौटंकी कहना, जनता का अपमान है।' उन्होंने कहा कि मैं तो बाढ़ पीड़ितों की मदद करना चाहता हूं। अगर मैं मुख्यमंत्री होता तो खाते में पैसा आ गया होता, सामान पहुंच गया होता। शिवराज ने मांग की किसान अब कर्ज वापस करने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए सरकार तत्काल कर्जमाफी करे। बाढ़ग्रस्त इलाकों के नुकसान का तुरंत आकलन हो और लोगों को मुआवजा मिले। मैं जनता की लड़ाई लड़ता रहूंगा। कोई गाली दे इसकी मुझे फिक्र नहीं है।

शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कहा था कि स्वसहायता समूहों का कर्जा माफ होगा और अब वादे से मुकर रही है। बैंक वाले आकर पैसा मांग रहे हैं। यह वादा खिलाफी और मनमानी हम नहीं चलने देंगे। बढ़े हुए बिजली के बिल के खिलाफ हम संघर्ष समिति बनाकर लड़ेंगे, लेकिन जुल्म के आगे सिर नहीं झुकायेंगे। बिजली काटने आये तो उनसे कहेंगे कि 100 रुपया ले लो, लेकिन इससे ज्यादा नहीं देंगे। उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि मेरे भाइयों-बहनों, 100 रुपये से ज्यादा बिजली का बिल मत भरना और जेल जाने की नौबत आयेगी तो सबसे पहले तुम्हारा शिवराज भैया जायेगा, लेकिन आपके साथ अन्याय नहीं होने देगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में 200 रुपये प्रति माह बिजली का आता था, लेकिन कमलनाथ सरकार के शासन में 5 हजार से 25 हजार रुपये तक का बिजली बिल आ रहा है, जबकि इन्होंने हाफ बिल का वादा किया था। मेरी माँग है कि वादा पूरा करें और केवल 100 रुपये ले। एक तो बारिश ने इतना नुकसान किया, ऊपर से गरीबों पर बढ़े हुए बिजली के बिलों की मार! एक भी गरीब बिजली का बिल नहीं भरेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग की है कि छोटे व्यापारियों के नुकसान का मुआवजा दें। मजदूरों को मजदूरी दें। घरों और पशुओं के नुकसान की भरपाई करें।

Updated : 24 Sep 2019 11:35 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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