Home > राज्य > मध्यप्रदेश > भोपाल > मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी जयंती पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी जयंती पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

लेखक लोकेन्द्र सिंह की पुस्तक ‘संघ दर्शन : अपने मन की अनुभूति’ का विमोचन

मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी जयंती पर विशेष व्याख्यान का आयोजन
X

भोपाल/वेब डेस्क। विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश और अर्चना प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में ध्येयनिष्ठ पत्रकार-संपादक मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी के जयंती प्रसंग पर 'स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव और स्वत्व की अनुभूति' विषय व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि भारत ने प्रत्येक समय में स्वत्व की लड़ाई लड़ी है। हमारे नायकों का संघर्ष स्वत्व का सन्देश देता है। इस अवसर पर लेखक एवं पत्रकार लोकेन्द्र सिंह की पुस्तक 'संघ दर्शन : अपने मन की अनुभूति' का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तक संघ के सम्बन्ध में सामयिक विषयों पर लिखे गए आलेखों का संकलन है। पुस्तक का प्रकाशन अर्चना प्रकाशन ने किया है।


मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने एतिहासिक विवरणों के माध्यम से 'स्वत्व की अनुभूति' को स्पष्ट किया। मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी के त्याग, संघर्ष और समर्पण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मामाजी ने 'स्वत्व' की चेतना जगाने के लिए राष्ट्रीय विचारधारा को चुना। वे चाहते तो उस समय कांग्रेस से जुड़कर कोई बड़ा स्थान प्राप्त कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने लिए संघर्ष का मार्ग चुना। श्री तिवारी ने कहा कि सबके मन में यही स्वत्व का भाव था। आज इस स्वत्व को जाग्रत रखने की आवश्यकता है। आज हमें यह विचार करना चाहिए कि जब भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष होंगे तब भारत कैसा होना चाहिए।

आरएसएस से जुड़े जरूरी प्रश्नों का उत्तर देती है 'संघ दर्शन' : शिवकुमार विवेक

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार विवेक ने विमोचित पुस्तक 'संघ दर्शन : अपने मन की अनुभूति' की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुस्तक में 39 आलेख हैं। लेखक लोकेन्द्र सिंह ने संघ के विचारों का सामयिक विश्लेषण इसमें किया है। वर्तमान समय में हो रहे विमर्श का दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए। यह पुस्तक ऐसे ही कई प्रसंगों का दस्तावेज है। यह पुस्तक आरएसएस से जुड़े कई जरूरी और ज्वलंत प्रश्नों का उत्तर देती है। पुस्तक की प्रस्तावना प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने लिखी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम 'स्वत्व' से दूर रहे और 'स्व' पर 'तंत्र' हावी होता गया। स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती से लेकर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार तक ने स्वत्व के जागरण के लिए काम किया। स्वत्व का जागरण होगा, तब कोई भी परिवर्तन समाज का नुकसान नहीं कर सकता।

अनाम नायकों पर शोधकार्य करके अमृत महोत्सव को करें सार्थक : अशोक पाण्डेय

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्यभारत प्रान्त के संघ के प्रान्त संघचालक अशोक पाण्डेय ने कहा कि अमृत महोत्सव के इस प्रसंग को हम स्वत्व की खोज में लगाएं। ऐसे आदर्शों को सामने लाएं जिनके बारे में अब तक बहुत जानकारी समाज के सामने नहीं है। अनाम नायकों पर शोधकार्य करके हम अमृत महोत्सव को सार्थक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 'स्व' का जागरण नहीं होगा तो हम परम वैभव तक नहीं पहुंच सकते। संघ की स्थापना इसी स्वत्व के जागरण के लिए हुई थी। आभार प्रदर्शन विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश के अध्यक्ष लक्षमेन्द्र माहेश्वरी ने किया और संचालन वरिष्ठ साहित्यकार रंजना चितले ने किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक और युवा शक्ति उपस्थित रही।

Updated : 7 Oct 2021 4:09 PM GMT
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top