Home > राज्य > मध्यप्रदेश > भोपाल > आरक्षण के लिए मंत्री करेंगे मशक्कत

आरक्षण के लिए मंत्री करेंगे मशक्कत

आरक्षण के लिए मंत्री करेंगे मशक्कत
X

भाजपा ने उठाई थी विधानसभा में आरक्षण देने की मांग

प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने चार मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। मंत्रियों की समिति अब आरक्षण की प्रक्रिया पर मंथन करेगी। इसके बाद राज्य सरकार प्रदेश में 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार करेगी। सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा सत्र में भी काफी हंगामा हुआ था। इस दौरान सरकार ने आरक्षण की प्रक्रिया के लिए समिति बनाने की घोषणा भी की थी। समिति सहकारिता एवं संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री तरूण भनोट और मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को सदस्य बनाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है।

केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था लागू की है। इसके बाद सभी राज्यों को भी अपने-अपने स्तर पर 10 प्रतिशत आरक्षण देना है, लेकिन मध्यप्रदेश में अब तक इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया है। आरक्षण नहीं मिलने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को इसका लाभ न तो नौकरियों में मिल रहा है और न ही वे कहीं और इसका लाभ ले पा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य भी खराब हो रहा है। यहां बता दें कि देश के कई राज्यों ने 10 प्रतिशत आरक्षण देना शुरू भी कर दिया है, लेकिन मध्यप्रदेश में अब इसके क्रियान्वयन के लिए समिति बनाई गई है, जो कि इस पर मंथन करेगी।

भाजपा ने उठाई थी मांग

पिछले दिनों मध्यप्रदेश विधानसभा के दूसरे सत्र में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने आरक्षण को लेकर मांग उठाई थी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं वरिष्ठ विधायक डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने इस पर सरकार को आड़े हाथों लिया था और जल्द से जल्द प्रदेश में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने को कहा था। हालांकि इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ था। बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरक्षण संबंधी क्रियान्वयन के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी। इस समिति को लेकर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि जब देश के अन्य राज्य इसे लागू कर चुके हैं तो मध्यप्रदेश में सरकार इसे लागू क्यों नहीं कर रही है।

इधर ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत होगा


एक तरफ जहां आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है तो वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अन्य पिछड़ा वर्गों को मिलने वाले आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की घोषणा की है। हालांकि उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से दुर्बल नागरिकों के लिए भी राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी लागू करेगी। उन्होंने कहा कि समाज में सभी वर्गों को आगे बढऩे के अवसर मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री बुधवार को सागर में जय किसान फसल ऋण माफी योजना में किसानों को प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद विशाल जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे। कमलनाथ ने कहा कि किसानों की खुशहाली और नौजवानों की तरक्की के लिए सरकार लगातार 70 दिनों से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पद संभालते ही उन्होंने किसानों की कर्ज माफी की। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए युवा स्वाभिमान जैसी योजनाएं लागू की।

Updated : 6 March 2019 4:13 PM GMT
author-thhumb

Naveen Savita

Swadesh Contributors help bring you the latest news and articles around you.


Next Story
Top