सरकार लगा रही विकास कार्यों पर अड़ंगा
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8 मार्च को प्रदेशभर के नगर-निगम के महापौर, पार्षद, एल्डनमैन सहित अन्य लोग देंगे राजधानी में धरना
प्रशासनिक संवाददाता ♦ भोपाल
प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर के कई नगर-निगमों के विकास कार्य बंद हो गए हैं। सरकार नगर-निगमों को राशि जारी नहीं कर रही है। इसके कारण लोगों की मूलभूत जरूरतों और सुविधाएं पूरी नहीं हो पा रही है। ये आरोप भोपाल नगर-निगम के महापौर एवं मध्यप्रदेश महापौर परिषद के प्रदेशाध्यक्ष आलोक शर्मा ने लगाए। वे अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली विभिन्न मदों की करोड़ों रुपए की राशि प्रदेश सरकार ने रोक ली है। इसके कारण भोपाल के विकास कार्यों पर ग्रहण लग गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन कर रही है। ग्वालियर, छिंदवाड़ा और रीवा के महापौरों को पद से हटाने के नोटिस जारी कर उन्हें अपमानित किया जा रहा है।
भोपाल नगर-निगम की रोकी ये राशि
महापौर आलोक शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने भोपाल नगर निगम की करोड़ों रुपए की राशि रोक दी है। इसमें 220 करोड़ रुपए अमृत योजना की मेचिंग ग्रांड की राशि है। राशि नहीं मिलने से कई वार्डों में पाईप लाइन बिछाने और टंकी बनाने के कार्य नहीं हो पा रहे हैं। कोलार से भोपाल जल प्रदाय करने वाली पुरानी पाईप लाइन को बदलकर नई पाईप लाइन का काम भी नहीं हो पा रहा है। इसी प्रकार बड़ा तालाब, छोटा तालाब और शाहपुरा झील में सीवेज को रोकने का प्रोजेक्ट भी आगे नहीं बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री हाउसिंग फॉर ऑल योजना की करीब 122 करोड़ की राशि भी अब तक नहीं मिली है। स्मार्ट सिटी योजना की केंद्र सरकार से 93 करोड़ रुपए की राशि स्मार्ट सिटी कंपनी को मिल गई है, लेकिन प्रदेश सरकार की मेचिंग ग्रांड के 93 करोड़ रुपए अब तक नहीं दिए गए हैं। इसके कारण स्मार्ट सिटी के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर-निगम भोपाल को मिलने वाली स्टॉम्प ड्यूटी के 56 करोड़ रुपए भी रोक लिए गए हैं। चुंगी क्षतिपूर्ति के 28 करोड़ भी नहीं मिले हैं।
महापौरों को किया जा रहा प्रताड़ित
महापौर आलोक शर्मा ने बताया कि जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई है, तब से भाजपा के महापौरों को प्रताडि़त किया जा रहा है। सरकार उनके अधिकारों का हनन कर रही है। प्रोटोकाल का पालन भी नहीं किया जा रहा है। शहर में होने वाले कार्यक्रमों में शहर के प्रथम नागरिक को ही नहीं बुलाया जा रहा है। आयोजनों के लिए छपने वाले कार्डों में उनका नाम नहीं लिखा जा रहा है। यह सरकार की मानसिकता को भी दर्शाता है।
करोड़ों के कार्य कराए, अब बना रहे नगर पालिका
कोलार क्षेत्र को नगर निगम से अलग करके नगर पालिका बनाया जा रहा है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि हमने यहां पर करोड़ों रुपए के विकास कार्य कराए हैं और कई कार्य अब भी चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगरीय एवं आवास विभाग द्वारा परिसीमन किए जाने संबंधित पत्र 23 जनवरी 2019 को नगर-निगम को प्राप्त हुआ था। इस पर नगर निगम भोपाल की महापौर परिषद द्वारा 8 फरवरी को निर्णय लिया गया कि जनगणना वर्ष 2011 के आधार पर वर्ष 2014-15 में नगर निगम का परिसीमन कराया जाकर अधिकतम वार्डों की संख्या निर्धारित की जा चुकी है। लेकिन सरकार ने नगर-निगम क्षेत्र का परिसीमन करने के एकतरफा निर्देश दे दिए गए हैं। यह उचित नहीं है।
8 मार्च हो भोपाल में होगा प्रदर्शन
महापौरों के अधिकारों के हनन एवं नगर-निगमों को राशि जारी नहीं करने सहित अन्य मुद्दों पर अब 8 मार्च को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें सभी नगर-निगम निगमों के महापौर, भाजपा पार्षद, एल्डरमैन सहित अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे।
उमाशंकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
ऑल इंडिया काउसिंल ऑफ मेयर्स के महासचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि विगत दिनों दुर्भाग्य से मध्यप्रदेश के महापौरों पर जिस प्रकार राजनीतिक आधार पर कार्रवाई की गई है वह इस भावना के विपरीत है तथा इसका शिकार छिंदवाड़ा के महापौर को भी बनाया गया है। इसी प्रकार अन्य महापौरों को भी प्रताडि़त एवं अपमानित किया जा रहा है। उमाशंकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस मामले को वे व्यक्तिगत रूप से देखें।
Naveen Savita
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