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सहकारी बैंकों को कर्जमाफी की राशि 3 साल में चुकाएगी सरकार

सहकारी बैंकों को कर्जमाफी की राशि 3 साल में चुकाएगी सरकार
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कर्ज माफ तो कर दिया बैंको का पैसा कैसे चुकाएगी सरकार

राजनीतिक संवाददाता भोपाल

पहले से ही आर्थिक संकट में चल रहे सहकारी बैंकों के लिए सरकार द्वारा की जाने वाली किसानों की कर्जमाफी मुसीबत बनने जा रही है। कर्जमाफी की रकम को राज्य सरकार ने सहकारी बैंको को कई किस्तों में तीन साल में देने का फैसला किया है। जिसकी वजह से नकदी के संकट से जूझ रहे इन बैंकों की आर्थिक सेहत पर बुरा असर पडऩा तय है। गौरतलब है कि राज्य सरकार प्रदेश के 50 लाख किसानों का कर्ज माफ करने जा रही है और इस पर 47 हजार 635 करोड़ का खर्च आने का अनुमान लगाया गया है।

पहले चरण में 25 लाख किसानों का कर्ज माफ होगा और दूसरे चरण में भी इतने ही किसानों का कर्ज माफ किया जाना है। पहले चरण की कर्जमाफी में 11 हजार करोड़ का भार आएगा। इसके लिए बजट में करीब 12 हजार करोड़ का प्रावधान किया है, मगर सहकारी बैंकों को इससे करीब 5 हजार करोड़ की हानि होगी। क्योंकि कर्ज माफी की राशि सरकार किसानों द्वारा जमा अंशपूंजी से करने जा रही है और इसकी भरपाई अगले तीन सालों में की जाएगी। जिस पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई साधिकार समिति की बैठक में दे दी गई है। राज्य सरकार किसानों का 2 लाख तक कर्ज माफ करने जा रही है। जय किसान ऋण फसल माफी योजना में किसानों के कर्ज माफी के लिए करीब 50 लाख आवेदन आए और इससे सरकार पर 47 हजार 635 करोड़ का भार आएगा। पहले चरण में सरकार ने 22 से 24 फरवरी तक 48 हजार 127 किसानों का 238 करोड़ रुपए माफ किया था और 25 फरवरी को 3 लाख 10 हजार 441 किसानों का 1251 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया गया और 28 फरवरी को 3 लाख 77 हजार 583 किसानों का 1433 करोड़ 96 लाख रुपए का कर्ज माफ किया गया है।

1433 करोड़ का कर्ज माफ

सरकार 65 तहसीलों में जय किसान ऋण माफी योजना में किसानों के सम्मेलन आयोजित कर 3 लाख 77 हजार 584 किसानों का 1433 करोड़ का कर्ज माफ करेगी, जबकि 3 मार्च तक 25.49 लाख किसानों का 10 हजार 123 करोड़ का कर्ज माफ किया जाएगा।

चार किश्तों में अदा होगा ऋण

माफी दस राष्ट्रीयकृत बैंकों और सहकारी बैंकों में राज्य सरकारी बैंक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक तथा प्राथमिक सहकारी संस्थाओं के जरिए की जा रही है। बैंकों का एनपीए और कर्ज को सरकार 4 किश्तो में अदा करेगी, इसके लिए पहले चरण में 25 प्रतिशत और फिर तीन चरणों में भी 25-25 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा। साथ ही सहकारी बैंकों के लिए भी तीन किश्ते तय की गई है। सहकारी बैंकों में राशि की व्यवस्था किसानों द्वारा जमा अंशपंूजी से की जा रही है और इससे सहकारी बैंकों को करीब 5 हजार करोड़ की हानि होगी।

Updated : 2 March 2019 5:27 AM GMT
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Naveen Savita

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