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अभी 'वचनों' पर फोकस, 'विचारों' के लिए 24 घंटे

अभी वचनों पर फोकस, विचारों के लिए 24 घंटे
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कमलनाथ की अफसरों को दो टूक, जनहित के काम हमारी पहली प्राथमिकता

प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

मंत्रालय में संभागायुक्त एवं जिलाधीशों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग हुई। इसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 10 बिंदुओं पर फोकस करते हुए अफसरों से कहा कि जनहित के काम ही हमारी पहली प्राथमिकता है। इस दौरान कई अधिकारियों ने अपने विचार भी बताना चाहा, लेकिन मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि अभी सिर्फ आम जनता से जुड़े कार्यों पर फोकस करें। आपके विचारों के लिए 24 घंटे पड़े हैं। आप कभी भी अपने विचार बता सकते हैं।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी जिलाधीशों, संभागायुक्त सहित मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव सहित अन्य अधिकारियों की संयुक्त वीडियो कान्फ्रेंसिंग आयोजित की। मुख्य सचिव एसआर मोहंती भी इसमें शामिल रहे। इस दौरान करीब 10 एजेंडे तय किए गए थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलती रही।

कलेक्टर-कमिश्नर सरकार का चेहरा

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कलेक्टर और कमिश्नर सरकार का चेहरा हैं। जनता और सरकार के बीच तालतेल स्थापित करने का काम अधिकारियों का ही होता है और वे ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता आम जनता को सुविधाएं देने की है, इसलिए आम जनता के काम सबसे पहले करें। उन्होंने कहा कि सुशासन का अर्थ है कमजोर और गरीब वर्गों को त्वरित न्याय मिले। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्री और मंत्रालय तक वही समस्याएं आएं, जिनका संभाग और जिले में समाधान न हो सके। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के तंत्र में वर्तमान जरूरतों के मुताबिक बदलाव जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि जिलों में जन-सुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी जैसी व्यवस्थाएं दिखावे के लिए न हो, इनका पूरा उपयोग होना चाहिए। निवेश नीति से नहीं वातावरण और विश्वास से आता है।

जरूरतों के मुताबिक बदलाव जरूरी

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि वर्तमान जरूरतों के मुताबिक शासन तंत्र में बदलाव जरूरी है। अंग्रेजों के जमाने की इस व्यवस्था में परिवर्तन करने पर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम लोगों की सहायता, सहयोग और समर्थन की व्यवस्था लागू होना चाहिए। यह हमारा लक्ष्य है। जब सबसे कमजोर और गरीब वर्ग को तत्काल और त्वरित न्याय मिलेगा, तभी प्रदेश में सुशासन की स्थापना कर पाएंगे।

मौजूदा व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लोगों की जरूरतों, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं में परिवर्तन हुआ है। जो मौजूदा व्यवस्था काम कर रही है, वह 60-70 साल पुरानी है। इस व्यवस्था को हमें आज के संदर्भ में बदलना होगा, ताकि वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार का सोच स्पष्ट है। कानून और नियम के कारण आम आदमी को दिक्कत नहीं होना चाहिए, जिसके पास कुछ भी नहीं है, वह सरकार की योजनाओं का लाभ पाएं, यह सुनिश्चित करने का काम कलेक्टरों का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर-कमिश्नर शासन तंत्र के नोडल पाइंट हैं। इनका आपस में और विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो, यह उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

जहां सुशासन नहीं, वहां समस्याएं अधिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा अनुभव यह है कि जिस जिले में सुशासन नहीं है, वहां समस्याओं के सबसे अधिक आवेदन मिलते हैं और यही उस जिले का रिपोर्ट कार्ड बतलाता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि जनता से जुड़ी संस्थाओं को ऐसा स्वरूप दें कि वे तत्काल तत्परता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान कर सके। उन्होंने कहा कि जो काम जिला और संभाग स्तर पर हो सकते हैं, उसके लिए आम-आदमी को अगर मुख्यमंत्री, मंत्री और मंत्रालय के पास तक आना पड़े, यह उचित नहीं है। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझना होगी और जवाबदेही तय करना होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने हमारे नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय का जो बुनियादी अधिकार दिया है, उससे वे वंचित न हों, यह मेरी सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समानता और स्वतंत्रता असीमित नहीं है, लेकिन न्याय असीमित है और उसे अधिकार है कि वह स्वतंत्रता और समानता के अधिकार में हस्तक्षेप कर सके।

संभागायुक्त अपनी भूमिका तय करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि संभागायुक्त अपनी भूमिका को नए सिरे से तय करें। वे अपने अधीनस्थ जिलों में निरंतर मॉनिटरिंग करें और प्रो-एक्टिव होकर काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको मैदानी समस्याओं की जानकारी अखबारों, आंदोलनों और शिकायतों से नहीं मिलना चाहिए। कलेक्टर और कमिश्नर की ओर से हमें सूचना आएं, तभी हम सुचारू तंत्र संचालन का दावा कर सकते हैं।

ये रहे प्रमुख एजेंडे

जय किसान फसल ऋण माफी योजना

स्वरोजगार योजनाओं की वार्षिक लक्ष्य की प्रगति की समीक्षा

आगामी ग्रीष्म ऋतु के लिए विभागीय तैयारियां, पेयजल व्यवस्था

प्रोजेक्ट गोशाला

न्यायालयीन राजस्व प्रकरणों की स्थिति सहित अन्य।

Updated : 27 Feb 2019 5:55 PM GMT
author-thhumb

Naveen Savita

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