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लोकसभा चुनाव के बाद होगा फैसला, तीन माह की मोहलत

लोकसभा चुनाव के बाद होगा फैसला, तीन माह की मोहलत
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प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

लोकसभा चुनाव के कारण जन अभियान परिषद को अब तीन माह की मोहलत और मिल गई है। इसके बाद फिर समीक्षा की जाएगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा। जन अभियान परिषद द्वारा समन्वय भवन में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री परिषद के अध्यक्ष भी हैं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संवाद सत्र में कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकारी धन का दुरूपयोग करने के संबंध में आत्म-मंथन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आत्म-मंथन के लिए तीन माह का समय है। इसके बाद समीक्षा होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री परिषद के अध्यक्ष हैं। संवाद सत्र का आयोजन समन्वय भवन में किया गया।

मुख्यमंत्री ने परिषद के अमले से पूछा कि जन अभियान परिषद के गठन का क्या उद्देश्य था और इन सालों में इसे किस ओर ले जाया गया। इसका आकलन करने और आत्म-चिंतन करने की आवश्यकता है। क्या विकास के काम को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से गठित संस्था को राजनीतिक संस्था के रूप में काम करना चाहिए, इस प्रश्न पर पर भी विचार करें। उन्होंने कहा कि परिषद के संबंध में सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। क्या ऐसी संस्था को बर्दाश्त करना चाहिए। क्या लोगों के प्रति जवाबदेह मुख्यमंत्री को ऐसी संस्था का अध्यक्ष रहना चाहिए, जो सरकारी धन का दुरूपयोग राजनीतिक संस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिए कर रही हो। इस पर आत्म-मंथन करने की जिम्मेदारी परिषद के अमले की है, वह चिंतन करे कि क्या सही रास्ते पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि परिषद में कार्यरत अमले से सहानुभूति है लेकिन सच्चाई भी सामने है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता के लिए जो सही है, वही करें। राजनीतिक कारणों को बीच में नहीं लाएं। प्रदेश के हित में काम करें। उन्होंने परिषद के अमले से कहा कि वह खुद चिंतन करे और स्वयं अपने में सुधार करे। किसी राजनीतिक पार्टी का साथ नहीं दे। केवल सच्चाई को पहचाने और सच्चाई का साथ दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति दिलों को जोडऩे की संस्कृति है।

इसका कारण सहिष्णुता है, जो सदियों से भारतीय समाज में विद्यमान है। उन्होंने कहा भारत विभिन्नताओं और विविधताओं से परिपूर्ण देश है। अनेकता में एकता ही भारत की शक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचित्र बात है कि जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं दिया वे राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं। सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव योजना केके सिंह, कार्यपालक निदेशक जितेन्द्र राजे, परिषद के जिला और ब्लाक स्तर के समन्वयक उपस्थित थे।

Updated : 27 Feb 2019 5:49 PM GMT
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Naveen Savita

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