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मंडी बोर्ड करा रहा दागियों की पहचान

मंडी बोर्ड करा रहा दागियों की पहचान
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भ्रष्टाचार के मामलो में लिप्त अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

मध्य स्वदेश संवाददाता भोपाल

भ्रष्टाचार के कारण हमेशा विवादों और सुर्खियों में बने रहने वाले मंडी बोर्ड में भ्रष्टाचार और लोकायुक्त के दागियों की संख्या बढ़ती जा रही है। बोर्ड के आला अधिकारियों से लेकर बाबू तक रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में लोकायुक्त में दागी है।

हाल ही में लोकायुक्त की टीम को देखते ही भागने वाले सागर के संयुक्त संचालक का मामला सामने आते ही बोर्ड प्रबंधन सक्रिय हो गया है। प्रदेश भर से दागी अधिकारी-कर्मचारियों की गिनती शुरू कर दी गई है। जल्द ही इन दागियों पर गाज गिर सकती है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड में एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों और बाबू लोकायुक्त में आरोपी हैं या उनके खिलाफ रिश्वतखोरी के प्रकरण चल रहे हैं। इन कर्मचरियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर चुका मंडी बोर्ड सागर उपसंचालक नामदेव हेडाउ को चार साल की सजा होने के बाद हरकत में आ गया है। मंडी बोर्ड के एमडी ने ऐसे दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की बतौर रिपोर्ट सूची मंगाई है, जिन पर लोकायुक्त की कार्रवाई हुई है और प्रकरण चल रहा है या फिर मंडी प्रशासन द्वारा अनियमितता का दोषी पाया गया है। हाल ही में प्रकाश में आए मामले के बाद मंडी बोर्ड द्वारा दागी अधिकारी-कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार करवाने के दिए गए निर्देश से मंडी प्रशासन के महकमे में हडक़ंप मच गया है। वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी और कर्मचारियों की गिनती की जा रही है। जानकारी के अनुसार मंडी बोर्ड के एक दर्जन से अधिक कर्मचारी ऐसे है जिन पर भ्रष्टाचार के मामले हैं जिसमें प्रमुख रूप संयुक्त संचालक एस.के.कुंवरे के खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत लोकायुक्त में होने पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापामार कार्रवाही की गई थी और श्री कुंवरे कार्यवाही के दौरान भाग गए थे।

कृषि उपसंचालक को हो चुकी है कैद

लंबित भुगतान करने के एवज में साढ़े चार लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले भोपाल निवासी सागर के कृषि उपसंचालक नामदेव हेडाउ को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रामविलास गुप्ता ने चार साल के सश्रम कारावास और 30 हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया है। जिला लोक अभियोजन के ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि उत्कृष्ट बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित ककरी बेरखेड़ी के प्रबंधक कामता पटेल ने लोकायुक्त सागर में शिकायत की थी कि भोपाल निवासी उपसंचालक कृषि सागर आरोपी नामदेव पिता विष्णु हेडाउ ने समिति के 27 लाख रुपए के लंबित भुगतान करने के एवज में उससे चार लाख पचास हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की है।

लोकायुक्त पुलिस ने कामता को 2 लाख रुपए देकर 10 मई 2016 को आरोपी के पास भेजा। जैसे ही आरोपी ने रिश्वत के पैसे लिए लोकायुक्त टीम ने छापा मार कर आरोपी हेडाउ को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने चालान न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी माना। न्यायालय ने आरोपी को अलग-अलग धाराओं में चार-चार साल के सश्रम कारावास और 15-15 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।


Updated : 26 Feb 2019 6:39 PM GMT
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Naveen Savita

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