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कमलनाथ सरकार ने जिलों से लौटाया योजनाओं का बजट

कमलनाथ सरकार ने जिलों से लौटाया योजनाओं का बजट
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523 अधिकारी-कर्मचारियों के जीवन पर संकट के बादल, वेतन के पड़ेंगे लाले

भाजपा सरकार ने नियमित किया, अब कांग्रेस सरकार हटाने पर तुली

प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

दिग्विजय सिंह शासनकाल में बनाए गए जन अभियान परिषद को अब कमलनाथ सरकार बंद करने की कवायद कर रही है। इसके लिए सरकार ने जन अभियान परिषद की योजनाओं का जिलों में दिया गया बजट भी वापस बुलाने का फरमान दिया है। इसके साथ ही यहां के स्टॉफ को बाहर करने की मशक्कत हो रही है। इसके कारण यहां पर कार्यरत 523 अधिकारी-कर्मचारियों के जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार इस समय बेहद परेशान है। स्थिति यह है कि सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के लिए जहां प्रदेश के विकास कार्यों पर पाबंदी लगा दी है तो वहीं अब कई योजनाओं को बंद करके उसकी राशि भी वापस बुलाई जा रही है। इसमें सरकार ने जन अभियान परिषद की भी करीब सात योजनाओं को बंद करने के आदेश दिए हैं और इन योजनाओं के लिए स्वीकृत राशि भी जिलों से वापस बुलाई जा रही है। इसके कारण जन अभियान परिषद के अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन के लाले भी पड़ जाएंगे। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो अब जन अभियान परिषद के पास सिर्फ एक माह के वेतन का पैसा है। इसके बाद यहां पर वेतन भी नहीं हो पाएगा, जबकि यहां पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है।

करोड़ों रुपए था जिलों को आवंटित

जन अभियान परिषद का गठन दिग्विजय सिंह शासनकाल में किया गया था। इसके बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई योजनाएं इसमें शुरू की गईं। जन अभियान परिषद के संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक्जीक्यूटिव कमेटी का गठन किया गया था। इसमें कई विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिवों को भी सदस्य मनोनीत किया गया था। यहां की योजनाओं के संचालन का जिम्मा इस एक्जीक्यूटिव कमेटी के द्वारा ही किया जाता था। इन योजनाओं के लिए जिलों को करोड़ों रुपए की राशि का आवंटन भी किया जाता था, लेकिन अब सभी जिलों से इस राशि को वापस बुलाने के निर्देश मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिए गए हैं।

Updated : 24 Feb 2019 6:08 PM GMT
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Naveen Savita

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