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साहबों से सांठगांठ 'सूत्र सेवा' में मची लूट

साहबों से सांठगांठ सूत्र सेवा में मची लूट
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21 लाख की बस पर 13 लाख की छूट...

विनोद दुबे भोपाल

अमृत योजना के तहत मध्यप्रदेश में संचालित 'सूत्र सेवा योजना' जहां केन्द्र सरकार से उत्कृष्टता पुरस्कार लिए बैठी है। तो वहीं इसकी फाइलों से लेकर सडक़ पर दौड़ती बसों तक में ढेरों गड़बडिय़ां सामने आई हैं। सूत्र सेवा के तहत खरीदी गईं सुविधा युक्त बसों की खरीदी से लेकर संचालन तक मिलने वाली 40 प्रतिशत छूट (सब्सिडी)हड़पने के लिए ठेकेदारों ने वाहन खरीदी के फर्जी बिल तक लगा दिए हैं। वास्तविकता यह है कि सडक़ों पर दौड़ रहीं सूत्र सेवा की बसें किसी अन्य कंपनी की होकर कम कीमत की हैं, जबकि बिल महंगी कंपनी की बसों के लगा दिए गए हैं।

देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, देवास द्वारा 'सूत्र सेवा' के तहत संचालित की जा रहीं देवास-इंदौर, देवास-बागली और देवास-भोपाल वायपास चौराहा-देवास इंटरसिटी बसों की खरीदी से लेकर संचालन तक भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। यहां 'सूत्र सेवा' संचालन का ठेका अर्थ कनेक्टर ट्रांसवे प्रा. लि. को दिया गया है। निजी बस संचालकों का आरोप है कि शासन से हुए अनुबंध के अनुसार ठेकेदार को देवास-इंदौर मार्ग पर अनुबंध दिनांक से 120 दिन अर्थात चार माह में 24 गाडिय़ां संचालित करनी थीं। जबकि ठेकेदार 565 दिन में कुल 7 गाडिय़ां संचालित कर रहा है। इसी प्रकार टेंडर शर्तों के अनुसार ठेकेदार को यहां 52 सीटर गाडिय़ां संचालित करनी थीं, लेकिन ठेकेदार यहां 36 सीटर गाडिय़ां संचालित कर रहा है। निजी बस सेवा के संचालक बताते हैं कि उज्जैन क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय से ठेकेदार ने नॉन एसी बसों को पास करा लिया। गाड़ी आरटीओ से पास होने के बाद इनमें एसी लगवा लिए। इस तरह ठेकेदार 28 प्रतिशत जीएसटी की चोरी कर रहा है।

चालाकी और मिलीभगत से हड़पी अतिरिक्त सब्सिडी

'सूत्र सेवा' के ठेकेदार द्वारा इंदौर-देवास मार्ग पर आयसर कंपनी की जो बसें संचालित की जा रही हैं, बाजार में उनकी कीमत कुल 21 लाख 51 हजार रुपये प्रति बस है। जबकि ठेकेदार ने बिल अशोक लीलैण्ड कंपनी की बसों के लगाए हैं, जिनकी बिल में कीमत 33 लाख 33 हजार रुपये दर्शाई गई है। बिल के आधार पर शासन से ठेकेदार को 13 लाख 33 हजार 400 रुपये छूट मिलेगी। जबकि आईसर कंपनी की संचालित बसों का बिल लगाया जाता तो सब्सिडी प्रति बस के हिसाब से 8 लाख 60 हजार 400 रुपये होती। इस तरह सात बसों की खरीदी के बिलों पर ठेकेदार को 60 लाख 22 हजार 800 रुपये की छूट मिलनी थी, लेकिन फर्जी बिलों से सब्सिडी की राशि बढक़र 93 लाख 33 हजार 800 रुपये हो गई है। इसी प्रकार देवास-बागली इंटरसिटी की पांच बसों की खरीदी में प्रत्येक बस के बिल में करीब चार लाख रुपये अधिक और देवास-क्षिप्रा देवास इंटरसिटी की चार बसों के प्रत्येक के बिल में करीब 2 लाख रुपये की बढोत्तरी की गई है।

शिवपुरी के निजी बस संचालक हड़ताल पर

'सूत्र सेवा' बसों के संचालकों द्वारा की जा रही मनमानी और अधिकारियों द्वारा किए जा रहे समर्थन के विरोध में शिवपुरी जिले के निजी बस संचालकों ने शनिवार की सुबह से हड़ताल शुरू कर दी। निजी बस संचालकों का आरोप है कि 'सूत्र सेवा' के ठेकेदार द्वारा शिवपुरी में उनके बस स्टेण्ड से सवारियां उठाई जा रही हैं। नियम विरुद्ध ठेकेदार रास्ते में रोककर भी उनकी सवारियां उठा रहा है। इस कारण उन्हें कारोबार में नुकसान हो रहा है। निजी बस संचालकों का कहना है कि इस बात की शिकायत वह परिवहन मंत्री, परिवहन आयुक्त सहित स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से कर चुके हैं। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिवपुरी में स्थिति यह है कि 'सूत्र सेवा' को हत्या और हत्या के प्रयास के आरोपियों द्वारा संचालित की जा रही हैं। इस बात की शिकायत किए जाने के बावजूद इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके विरोध में ठेकेदार शनिवार को सुबह से ही हड़ताल पर चले गए हैं।

इनका कहना है

परिवहन मंत्री के साथ हुई बैठक में निजी बस संचालकों की सभी समस्याओं का समाधान किया गया है। 'सूत्र सेवा' बसों की खरीदी में गड़बड़ी की लिखित शिकायत प्राप्त होती है तो नियमानुसार जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।'

विकास मिश्रा, अपर आयुक्त, संचनालय, नगरीय विकास एवं आवास विभाग

देवास में 'सूत्र सेवा' की बसों की खरीदी और संचालन में भारी गड़बडिय़ां मिली हैं। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री, परिवहन मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों से की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही। शिकायत लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में भी कर रहे हैं'

वीरेन्द्र बैस, अध्यक्ष देवास-इंदौर प्रायवेट बस एसोसिएशन

Updated : 23 Feb 2019 4:57 PM GMT
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Naveen Savita

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