नाथ की कैबिनेट पर शरू हुआ बवाल
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विशेष संवाददाता ♦ भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट जबलपुर में हुई। सरकार ने महाकौशल पर फोकस कर कई अहम फैसले लिएए लेकिन पहली बार राजधानी से बाहर हुई कैबिनेट की बैठक को लेकर प्रदेश राजनीतिक पारा चढ़ गया है। विपक्ष से लेकर कांग्रेस ने भी महाकौशल के बाद दूसरे इलाकों में कैबिनेट की मांग कर डाली है। दरअसल, कांग्रेस सासंद विवेक तंखा की मांग पर कमलनाथ कैबिनेट की बैठक जबलपुर में हुई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी । कांग्रेस के सत्ता पर काबिज होने के बाद ये पहला मौका था, जब कमल नाथ सरकार जबलपुर पहुंची और बैठक में पूरे महाकौशल इलाकों को सौगातों की झड़ी लगाई।
लेकिन सरकार की यह पहल अब उसके लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली बन गई है। विपक्ष के साथ कांग्रेस विधायक ने भी सरकार से अब दूसरे इलाकों में कैबिनेट कर इलाकों की समस्याएं दूर करने की मांग की है। कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कहा है कि आदिवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए आदिवासी इलाकें कैबिनेट की जाए। हीरालाल अलावा ने सरकार से मालवा-निमाड़ में कहीं कैबिनेट कर बड़े फैसले लेने जनता को फीलगुड कराने की मांग की है तो भाजपा ने कहा है कि सरकार को चाहिए की। वो मालवा-निमाड़ के साथ ही विंध्य और बुंदेलखंड में कैबिनेट कर वहां की समस्याओं को दूर करने की तारीख बताएं। वहीं भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस सरकार के जबलपुर कैबिनेट करने को लोकसभा चुनाव से पहले फेस सेविंग का तरीका बताया है।
कुल मिलाकर पहली बार मंत्रालय के बाहर हुई कमल नाथ की कैबिनट में भले ही महाकौशल समेत प्रदेश से जुड़े अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई हो, लेकिन कांग्रेस सांसद की मांग हुई कैबिनेट की बैठक के बाद अब कांग्रेस के अंदर ही इस तरह की कैबिनेट को उनके इलाकों में करने की मांग उठ खड़ी हुई है।
Naveen Savita
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