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यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाना पड़ेगा मंहगा

यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाना पड़ेगा मंहगा
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तीन महीने में निलम्बित हुए 12 हजार लाइसेंस

मध्य स्वदेश संवाददाता भोपाल

सडक़ों पर मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लघन कर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाना अब वाहन चालकों को महंगा पडऩे लगा है। यातायात पुलिस अभी तक तो चालानी कार्यवाही कर छोड़ देती थी, लेकिन अब नियमों का उल्लंघन करने वाले का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए जा रहे हैं। पिछले तीन माह में यातायात पुलिस ने प्रदेशभर में 12 हजार ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन विभाग के माध्यम से निलंबित कराए हैं, जबकि साल 2017 में मात्र 2610 लाइसेंस निलंबित कराए गए थे।

सर्वोच्च न्यायालय कमेटी आनलाइन रोड सेफ्टी ने देश में वाहन दुर्घटनाओं में हर साल मृतकों की बेतरतीब बढ़ती संख्या पर सभी राज्यों के लिए गाइड लाइन जारी की है। सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित समिति ने पांच बिन्दुओं पर गाइड लाइन जारी की है। इसमें स्टेट रोड सेफ्टी कमेटी की साल में दो बार बैठक होना चाहिए। यह कमेटी वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा यातायात उपकरण उपलब्ध कराने के लिए राशि की व्यवस्था करे। इस कमेटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री, जबकि लोक निर्माण विभाग, परिवहन, स्वास्थ्य, जनसंपर्क, नगरीय प्रशासन, शिक्षा विभाग समेत 10 विभागों के मंत्री, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक तथा उक्त विभागों के अधिकारी इसके सदस्य हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया गया है। जिला रोड सेफ्टी कमेटी में क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य जनसंपर्क, नगरीय प्रशासन, शिक्षा आदि विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। जिला कमेटी की हर माह बैठक होना अनिवार्य है। बैठक में वाहन दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा, वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने के किए जा रहे उपाय, उपकरणों के लिए राशि की उपलब्धता, रोड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य, यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए की जा रही कार्यवाही की समीक्षा कर दुर्घटनाओं में कमी लाने पर कार्ययोजना बनाई जाती है। साथ ही एनजीओ के माध्यम से जन-जागरण चलाने पर बल दिया जाता है।

चालान की बजाय लाइसेंस निलंबित पर जोर

यातायात पुलिस वाहन दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामलों में अब धारा 304 (ए) के मामले में जहां कार्यवाही करती है तो वहीं इन मामलों में अब वाहन चालक के लाइसेंस निलंबित करा रही है। इतना ही नहीं यातायात नियमों का तीन बार से अधिक उल्लंघन करने पर भी वाहन चालक का लाइसेंस निलंबित कराया जा रहा है। यही कारण है कि वर्ष 2018 के आखिरी तीन माह में प्रदेश भर में जहां 12 हजार लाइसेंस निलंबित कराए गए हैं, वहीं 2017 में इनकी संख्या मात्र 2610 थी। इस तरह वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने पुलिस अब चालानी कार्यवाही की बजाए वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबित कराने पर ज्यादा कार्य कर रही है।

Updated : 13 Feb 2019 5:38 PM GMT
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Naveen Savita

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