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अमृत रिफाइनरी के ठिकानों पर आयकर के छापे

अमृत रिफाइनरी के ठिकानों पर आयकर के छापे
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प्रदेश में आयकर विभाग की बड़ी कार्यवाही, बराती बनकर आये थे अधिकारी

विशेष संवाददाता भोपाल

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में आयकर विभाग की बड़ी छापामार कार्रवाई हुई है। अमृत रिफाइनरी के ठिकानों पर आयकर विभाग ने बड़ी छापामारी की है। करीब 250 अधिकारियों और कर्मचारियों ने आयकर की चोरी होने की सूचना पर यहां पर छापामार कार्रवाई की है। बारात की शक्ल में आयकर विभाग का काफिला ठिकानों पर पहुंचा था और कार्रवाई अभी जारी है।

फिलहाल, अमृत रिफाइनरी के संचालक मनोहर गर्ग के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई जारी है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि छापामार कार्रवाई के लिए जो आयकर विभाग के अधिकारी के लोग आए हैं, वो बारात सजाकर गाड़ियों में आए हैं। ताकि किसी को शंका न हो। गाड़ियों पर विकास संग निशा लिखा हुआ है। इस कारण किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई। गाडिय़ों का एक बड़ा काफिला मंदसौर के गणेश वाटिका के पास कॉलोनी में अमृत रिफाइनरी के संचालक मनोहर के निवास पर पहुंचा और अचानक छापामार कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है और कोई समझ नहीं पाया कि अचानक क्या हो गया। बारात के रूप में आयकर विभाग की टीम और अचानक छापेमारी शुरू कर दी, कार्रवाई अब भी जारी है। आशंका है कि अमृत रिफाइनरी के संचालक द्वारा करोड़ों रुपए की आयकर चोरी की जा रही थी। साथ ही सूचना मिल रही है कि नीमच की धानुका रिफाइनरी और जावरा की अंबिका रिफाइनरी छापामार कार्रवाई चल रही है। खबर यह भी मिली है कि अमृत रिफायनरी ने दलोदा की रुचि सोया को भी अपना हैंड ओवर कर उसे चला रखा था। वहां पर भी आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की है। आयकर विभाग वहां के भी दस्तावेज खंगाल रहा है और बड़ी मात्रा में आयकर की चोरी पकड़ी जा सकती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग की कार्रवाई मंदसौर, दलौदा, जावरा, नीमच में चल रही है। जावरा में अंबिका रिफाइनरी पर आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है। मंदसौर में अमृत रिफाइनरी पर चल रही है। दलौदा में रुचि सोया पर कार्रवाई चल रही है और नीमच में धानुका इंडस्ट्रीज पर आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है।

सबसे बड़े सोयाबीन तेल कारोबारी हैं कैलाश धानुका

कैलाश धानुका मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सोयाबीन तेल के उत्पादक है। वे नीमच मंडी में सोयाबीन के सबसे बड़े खरीददार भी है। जानकारी के अनुसार कैलाश धानुका पर आरोप है कि वे अपने रसूख के कारण नीमच मंडी से सोयाबीन की लेवाली दो नंबर से करते हैं। कुछ समय पहले सेल्स टेक्स विभाग की रेड भी उनके ठिकानों पर हुई थी, जो करीब चार दिन तक चली थी। इस रेड में बड़े पैमाने पर नंबर दो का कारोबार पाया गया था।

बेनामी कारोबार का बड़ा हब है

आपको बता दें की नीमच तेल के बेनामी कारोबार का बड़ा हब है। यहां से राजस्थान की सीमा लगती है। मध्यप्रदेश के तेल कारोबारी तेल बनाकर राजस्थान की सीमा में भेज देते हैं। वहीं इनकी बिलिंग करके अन्य राज्यों में भेजा जाता है। मध्यप्रदेश की सीमा से पूरी तरह दो नंबर में सोयाबीन का तेल निकलता है। जानकारी के अनुसार राजस्थान में जो बिल बनता है वह डिलेवरी के बाद फाड़ दिया जाता है। मिली खबर के अनुसार धानुका इंडस्ट्रीज के कई बेनामी बैंक अकाउंड है, जिनकी जांच भी आयकर विभाग की टीमें करेगी, वहीं कैलाश धानुका रियल एस्टेट का भी काम करते हैं, जिसकी जांच भी आयकर विभाग करेगा। इसके अलावा नीमच के वेयर हाउस मालिक और रियल एस्टेट के कारोबारी प्रभुलाल झंवर के सभी ठिकानों पर भी आयकर का सर्वे चल रहा है।

Updated : 13 Feb 2019 5:10 PM GMT
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Naveen Savita

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