बिजली की खपत चार सौ मेगावाट तक पहुंची
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बिजली दे रही सरकार को झटके
मध्य स्वदेश संवाददाता ♦ भोपाल
मध्यप्रदेश में ठंड का असर बिजली की मांग पर पड़ रहा है। सर्दी की वजह से लोग रूम हीटर, वॉटर हीटर और गीजर का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं, जिससे बिजली की खपत चार सौ मेगावाट तक पहुंच गई है। लोग ज्यादा बिजली का उपयोग इसलिए भी कर रहे हैं कि उन्हें संबल योजना के तहत दौ सौ रुपये महीने पर बिजली मिल रही है यानि लोगों को बिजली के बिल की चिंता नहीं है, जिससे बिजली का उपयोग बढ़ गया है।
ठंड में इंदौर में बिजली की खपत चार सौ मेगावाट तक पहुंच गई है और बिजली का बिल 5 करोड़ रुपए तक बढ़ गया है। सरकार संबल योजना के तहत दो सौ रुपए में बिजली उपलब्ध करा रही है, इसलिए भी इसका दुरूपयोग ज्यादा बढ़ गया है। लोग जमकर वाटर हीटर, रूम हीटर और गीजर का उपयोग कर रहे है, क्योंकि उन्हें बिल की चिंता नहीं है। सरकार की योजना लोगों की आराम तलबी बढ़ा रही है । हालांकि बिजली कंपनियों का कहना है कि संबल योजना में दी जा रही सब्सिडी का पैसा उन्हें सरकार से मिल जाएगा, इसलिए बिजली कंपनियों को कोई घाटा नहीं हो रहा है। श्रमिकों के लिए चलाई जा रही इस योजना में अब घोटाले भी सामने आ रहे है, जिसको लेकर नई सरकार एक्शन मोड में है। राज्य के श्रम मंत्री महेन्द्र सिसोदिया का कहना है कि संबल योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है । संबल योजना में श्रमिकों का बीस करोड़ रुपया जन अभियान परिषद के माध्यम से खर्च कर दिया गया। बिना उपयोगिता सर्टिफिकेट के इस राशि का बंदरबांट किया गया, जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं मिल रहा है, इसलिए इसकी एसटीएफ से जांच कराई जा रही है। इस घोटाले में एक पूर्व मंत्री, दो प्रमुख सचिव और दो श्रम विभाग के अधिकारी संलिप्त हैं जिनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
बहरहाल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गरीब नागरिकों को बिजली कंपनी के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संबल योजना की शुरूआत की थी, लेकिन इस योजना में भारी घोटाला सामने आ रहा है । इस योजना का लाभ करोड़पति लोगों ने भी ले लिया है, जबकि ये योजना असंगठित क्षेत्र के गरीब श्रमिकों के लिए बनाई गई थी और अब कांग्रेस सरकार इसकी जांच कराने जा रही है।
Naveen Savita
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