नई सरकार बनने के बाद बढ़े 6 लाख बेरोजगार
X
प्रदेश में बेराजगारों का आंकड़ा बढ़ा
राजनीतिक संवाददाता ♦ भोपाल
मध्यप्रदेश में पिछले छह माह में बेरोजगारों की संख्या में 6 लाख की बढ़ोतरी हुई है। कमलनाथ सरकार ने बेरोजगारों के लिए युवा स्वाभिमान योजना का ऐलान किया है, जिसके बाद रोजगार कार्यालयों में पंजीयन की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मध्यप्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे को हवा देकर भाजपा को सत्ता से बाहर करने वाली कमलनाथ सरकार के लिए युवाओं को रोजगार देना अब बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए सौ दिन का रोजगार देने का ऐलान किया है। इसके लिए युवा स्वाभिमान योजना की शुरूआत की गई है। योजना के तहत युवाओं में स्किल डेवलप करायी जाएगी, लेकिन सराकर के फैसले के बाद प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को संख्या में जबरदस्त इजाफा हो गया है।
भोपाल के जिला रोजगार अधिकारी केएस मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में पिछले छह माह में बेरोजगारों की संख्या बढक़र अब चौबीस लाख के आंकड़े से तीस लाख का आंकड़ा पार कर गई है। सरकार से सौ दिन के रोजगार और इस दौरान हर महीने चार हजार रुपये के स्टाइफंड की योजना में शामिल होने के लिए रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों का पंजीयन बढ़ गया है। मध्यप्रदेश में मई 2018 में बेजोजगारों की संख्या 24 लाख थी। 10 फरवरी 2019 में ये संख्या बढक़र 30 लाख 14 हजार के पार कर गई है। आपको बता दें कि सिर्फ भोपाल रोजगार कार्यालय में जनवरी में 6 हजार 743 और फरवरी के 10 दिन में दो हजार 680 पंजीयन हो गए हैं।
कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए युवा स्वाभिमान योजना शुरू की है। योजना के तहत युवाओं का स्किल डेवलप किया जाएगा। साल में सौ दिन के रोजगार की गारंटी मिलेगी। योजना के तहत 21 से 30 साल की उम्र के शहरी युवा योजना से जुड़ सकेंगे। युवाओं को हर महीने चार हजार रुपये का स्टाइफेंड कांग्रेस सरकार देगी। इसके अलावा 6 लाख 50 हजार युवाओं को योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन पर 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार सरकार पर आएगा।
Naveen Savita
Swadesh Contributors help bring you the latest news and articles around you.