महाराष्ट्र में महाराज को कौन पूछेगा ?
सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी को कांग्रेस के फैसले पर आपत्ति
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भोपाल/वेब डेस्क। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर सिंधिया समर्थक कमलनाथ सरकार की मंत्री श्रीमती इमरती देवी सुमन ने आपत्ति दर्ज कराई है। केन्द्रीय नेतृत्व के निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले से खुश नहीं हूं, सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी देनी थी तो मप्र में देते, उन्हें महाराष्ट्र में उन्हें कौन पूछेगा?
शनिवार को प्रेस से चर्चा के दौरान सिंधिया को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी सवाल पर मंत्री इमरती देवी ने कहा कि इस बारे में मैं कुछ नहीं बोल सकती। महाराज जानें, उनकी सरकार जाने, राहुल गांधी जी जानें। मैं तो इससे खुश नहीं हूं। इसलिए खुश नहीं हूं कायकी जिम्मेदारी? जिम्मेदारी देना है तो मध्यप्रदेश की दें। तब जिम्मेदारी मानी जाएगी। को पूछ रहो उन्हें उधर।
कमलनाथ सरकार की सिंधिया समर्थक कैबिनेट मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी जोर पकडऩे लगी है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कमलनाथ दिल्ली में थे, उसी दौरान सिंधिया को महाराष्ट्र स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के इस निर्णय से प्रदेश में यह चर्चा शुरू हो गई है कि सत्तारूढ़ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी सिंधिया को मध्यप्रदेश की राजनीति से बाहर कराना चाहती है। खास बात यह है कि यह फैसला उस समय हुआ है जब मप्र में प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना है तथा सिंधिया समर्थक उन्हें अगले प्रदेशाध्यक्ष के रूप में देख रहे हैं।
सिंधिया समर्थकों को यह आशंका है कि सिंधिया को महाराष्ट्र स्क्रीनिंग कमेटी बनाए जाने का केन्द्र का निर्णय उन्हें प्रदेश की राजनीति से बाहर किए जाने का प्रयास हो सकता है। ऐसी स्थिति में प्रदेश की कैबिनेट मंत्री के बयान को विपक्षी नेता गुटबाजी के रूप में देख रहे हैं।
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