गैंग बनने से पहले ही टुकड़े-टुकड़े हो गया : शिवराज सिंह चौहान
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नई दिल्ली/भोपाल। कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अगुवाई में विपक्षी दलों ने कल यानी सोमवार को पार्लियामेंट एनेक्सी में बैठक की। ताकि, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नागरिकता कानून, एनआरसी और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर उसे घेरा जा सके।
विपक्षी दलों की इस एकता को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब सोमवार की दोपहर बैठक से छह दलों ने किनारा किया। कांग्रेस की अगुवाई में हुई विपक्षी दलों की बैठक से शिवसेना, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का कोई भी नुमाइंदा शामिल नहीं हुआ। इस बैठक में एनसीपी, आरजेडी समेत 20 दलों के लोगों हिस्सा लिया।
कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की इस बैठक पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होंने कहा ट्वीट कर लिखा, 'अरे! ये गैंत तो बनने से पहले ही टुकड़े-टुकड़े हो गया।'
ज्ञात हो कि बैठक से ठीक पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इससे दूर रहने का फैसला किया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी सरकार के खिलाफ राज्य में कांग्रेस और लेफ्ट के कैंपेन से नाराज हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने भी यह साफ कर दिया था कि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
कांग्रेस को यह उम्मीद थी कि मायावती की बीएसपी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से जरुर कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होगा। मायावती ने विपक्षी दलों की बैठक में न जाने के फैसले से पहले कई ट्वीट किए। इन ट्वीट्स में मायावती ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार को बाहर से समर्थन देने के बावजूद उनके विधायकों को लालच दिया गया। मायावती ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी दलों की बैठक में इस परिस्थिति में जाने का मतलब होगा राजस्थान में पार्टी नेताओं के मनोबल का गिराना।
वहीं, बैठक से डीएमके की गैर-मौजूदगी भी हैरान करने वाली थी क्योंकि, एमके स्टालिन की पार्टी लगातार तमिलनाडु में एआईएडीएमके सरकार पर केन्द्र की एनडीए सरकार के कदमों से दूर रहने का दबाव दे रही थी।
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