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चुनाव आयोग करेगा दोबारा जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई

मतदाता सूची से पूर्व मंत्री का नाम गायब मामला

चुनाव आयोग करेगा दोबारा जांच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
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भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व मंत्री का वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने इसकी जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

दरअसल, कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह के घर रविवार को संसोधित मतदाता सूची चेक की जा रही थी, तब उन्हें उनका और उनके परिवार का नाम ही नहीं मिला। बुंदेला ने बताया वार्ड नंबर 3 की वोटर सूची में 800 नंबर पर मेरा नाम दर्ज था । 10 दिन पूर्व संशोधित वोटर सूची में मेरा नाम था। इसके बाद आज नई सूची देखने पर नाम नहीं मिला। यह षड्यंत्र पूर्वक परिवार का नाम काटा गया है। इसके साथ ही और कई कांग्रेस पदाधिकारियों के भी नाम गायब मिले । इस पर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है, साथ ही मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।वही कांग्रेस ने इसके पीछे बीजेपी की साजिश बताया है। इस पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में जांच कराए जाने की बात कही है।उन्होंने कहा है कि लिस्ट की फिर से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।वही कांताराव ने मतदाताओं को विधानसभा चुनाव संबंधित सभी जानकारी ट्विटर, फेसबुक और यू-ट्यूब के जरिए सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि युवा मतदाताओं को निर्वाचन संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए आयोग ने फेसबुक पर सीईओ एमपी स्वीप के नाम से, तो ट्विटर व यू-ट्यूब पर सीईओ एमपी इलेक्शन 2018 नाम से अकाउंट बनाए हैं। इनके माध्यम से वोटर लिस्ट से नाम जुड़वाने, कटवाने और संशोधन संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वही मोबाइल पर यह सुविधा MP EPIC<-Space->EPIC NUMBER नंबर टाइप कर 51969 पर भेज कर प्राप्त कर सकते है।

तो इस वजह से चुनाव आयोग के टेस्ट में फेल हो रहे हैं अधिकारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के लिए परिक्षाएं भी की जा रही हैं। लेकिन कुछ अधिकारी बार बार इन परिक्षाओं में फेल हो रहे हैं। दरअसल, आयोग द्वारा ली जा रही परीक्षा में चुनावी ड्युटी से बचने के लिए पीठासीन अधिकारी फैल हो रहे हैं। हाल ही में आयोग ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और जबलपुर में पीठासीन अधिकारियों की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया था। इसमें 587 अधिकारी शामिल हुए थे। लेकिन कई अधिकारी इस ट्रेनिंग टेस्ट में फेल हो गए। हांलाकि, आयोग ऐसे अधिकारियों को एक और मौका देगा। अगर फिर भी वह उसमें पास नहीं होतो हैं तो उनकी ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जाएगी। दरअसल, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि 18 अगस्त को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में परीक्षा आयोजित की गई थी।

Updated : 22 Aug 2018 12:28 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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