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एमपी में सियासी उथल-पुथल के बीच राज्य सरकार ने बंद की BJP विधायक की आइरन ओर माइन

एमपी में सियासी उथल-पुथल के बीच राज्य सरकार ने बंद की BJP विधायक की आइरन ओर माइन
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भोपाल/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को भाजपा विधायक और खनन मंत्री संजय पाठक के स्वामित्व वाली एक आइरन ओर माइन को बंद करने का आदेश दिया। अधिकारियों ने कहा कि जबलपुर जिले जहां खदान स्थित है वहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करने पर प्रशासन ने सुविधा बंद करने का आदेश दिया हैं। यह खान निर्मला मिनरल्स की है जो कि भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेसी पाठक की कंपनी है। जबलपुर के कलैक्टर भरत यादव ने पीटीआई को बताया कि हां मैंने ही इस माइन को बंद करने का आदेश दिया है।

अन्य अधिकारी ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सिहोरा तहसील में अगेरिया और दुबियारा गांवों में खदान फैली हुई है। "खसरा (सर्वे) नं 1093 और खसरा नं। 628/1 के लीज होल्डर (खनन फर्म) पिछले छह महीनों में यह साबित करने में विफल रही है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 मार्च, 2019 को पारित आदेश (वन पर प्रतिबंध) भूमि, उनके परिचालन क्षेत्र पर लागू नहीं होता है।

बता दें कि इधर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि विपक्षी भाजपा उसके और उसके सहयोगी दलों के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार को अस्थिर करना चाहती है। वहीं, भाजपा ने कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के आरोपों से साफ इनकार किया और कहा कि वह पहले अपने गिरेबान में झांके। कांग्रेस ने प्रदेश में करीब आधा दर्जन निर्दलीय तथा सपा एवं बसपा के विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। इस बीच, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।

मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए भाजपा के कुछ नेता आठ विधायकों को जबरन हरियाणा के एक होटल में ले गए। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने फोन पर 'पीटीआई- भाषा से कहा, ''पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह और रामपाल सिंह सहित अन्य भाजपा नेता साजिश के तहत आठ विधायकों को हरियाणा के एक होटल में जबरन ले गए। विधायकों ने हमें बताया कि भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें जबरन वहां ले जाया गया।

इससे पहले सोमवार को दिग्विजय ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस के विधायकों को बड़ी धनराशि की पेशकश की गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि पिछले कई दिन से वह माफिया के साथ मिलकर प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का असफल प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्य की कांग्रेस सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। प्रदेश सरकार के पास पूर्ण बहुमत का दावा करते हुए उन्होंने कहा, ''इसे हमने विधानसभा में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव में और बजट पारित करवाकर साबित किया है। भाजपा को हर बार मुंह की खानी पड़ी है। हर बार की तरह इस बार भी भाजपा के मंसूबे मुंगेरीलाल के सपने ही साबित होंगे।

इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से सुरक्षित और स्थिर है। उन्होंने कहा, ''यह सौ फीसदी खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का प्रयास है। हम एक हैं और हमारी सरकार स्थिर है। हमने गणना कर ली है और सरकार को कोई खतरा नहीं है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इन आरोपों से इनकार किया। यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, '' मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अपने अंतर्विरोधों, अंतर्कलह से ग्रसित है। आप लोग देख रहे होंगे कि किस प्रकार से सरकार में उनके अपने अंदर विद्रोह है। भारतीय जनता पार्टी का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है, न ही भाजपा के इस तरह के कोई प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्कलह का जवाब कमलनाथ जी, सिंधिया जी और दिग्विजय सिंह जी को देना चाहिए।

हालांकि देर शाम हुए घटनाक्रम में मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत के साथ प्रदेश के कांग्रेस, बसपा और सपा के विधायकों का एक समूह बुधवार दोपहर बाद विशेष विमान से दिल्ली से भोपाल पहुंचा। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि विधायकों की सही संख्या मालूम नहीं हो सकी है।

Updated : 5 March 2020 5:07 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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