आचार संहिता के चलते इस बार नहीं हो पाएंगे छात्रसंघ चुनाव
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भोपाल। प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आचार संहिता के कारण इस वर्ष छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाएंगे। विवि के एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर में छात्र संघ चुनाव होना था। लेकिन शासन ने छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया को टाल दिया है। हालांकि, चुनाव प्रक्रिया को दिसंबर के बाद अंजाम देने की बात कही जा रही है, लेकिन इसके बाद परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इस वर्ष से वार्षिक सिस्टम शुरू होने के कारण मार्च में होने वाली परीक्षाओं में छात्र जुट जाएंगे और चुनाव आगामी सत्र तक नहीं हो पाएंगे।
बता दें कि कॉलेजों व विवि में गत वर्ष चार साल बाद छात्र संघ चुनाव शुरू हुए थे, जो इस साल टल गए। कॉलेजों में प्रतिनिधित्व का सपना संजोए बैठे छात्रों ने चुनावों को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया है।
छात्रों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव विस चुनाव से पहले कराए जा सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दरअसल, विस चुनाव के चलते कालेजों को मतदान केंद्र बनाया जाता है, जिसके कारण छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं।
चुनाव के लिए प्रोफेसरों को कई प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। शासन उन्हें अलग-अलग तैयारियों में व्यस्त रखता है। वहीं विस चुनाव में पुलिस का सबसे ज्यादा उपयोग होता है और छात्रसंघ में कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की जरूरत होती है। सभी बिंदुओं पर गौर करते हुए प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव कराने पर रोक लगा दी गई है। आचार संहिता के कारण प्रदेश के निजी और सरकारी 1350 कॉलेज और आधा दर्जन विवि में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे।
सत्र की शुरुआत में ही होना था
छात्र संघ चुनाव में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता का रोना रोया जा रहा है, जबकि यह चुनाव सत्र शुरू होने के साथ ही हो जाने थे। प्रदेश सरकार के इशारे पर इन्हें आगे बढ़ा दिया गया है।
आशुतोष चौकसे,
जिला अध्यक्ष, एनएसयूआई
आचार संहिता लग गई है
आगामी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव होने के कारण छात्रसंघ चुनाव कराया जाना संभव नहीं है। इसलिए एकेडमिक कैलेंडर का पालन करना मुश्किल है।
नीरज मंडलोई,
प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग
Swadesh Digital
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