रविशंकर प्रसाद बोले - जनहित याचिकाओं के जरिए सरकार चलाने का काम न्यायालय का नहीं
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नई दिल्ली। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि जनहित याचिकाओं के जरिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों का काम सरकार चलाने का नहीं है। बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान के. गोपाल और छोटेलाल के पूरक प्रश्नों के उत्तर में प्रसाद ने यह बातें कही।
सदन में गोपाल ने प्रश्न किया था कि क्या जनहित याचिकाओं की वजह से उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। कानून मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार चलाने के लिए जनता ने जिन्हें चुना है वे सरकार चलाएंगे और वे इस सदन के प्रति जवाबदेह हैं। कानून बनाने के लिए जनता ने जिन्हें चुना है वे भी इस सदन के प्रति जवाबदेह हैं। साथ ही, मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार न्यायपालिका की स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करती है।
उन्होंने यह सलाह भी दी कि जनहित याचिकाएं गरीबों, मजदूरों के लिए दायर की जाएं तो अच्छी बात है, नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ दायर की जाएं तो अच्छी बात है। अदालतों में लंबित मामलों के संदर्भ में प्रसाद ने कहा कि सरकार का काम अदालतों को आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना है, फैसले करने का काम अदालतों का है।
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