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रामलीला मैदान : नागरिकता कानून पर पीएम मोदी बोले - मेरा विरोध करो, देश की संपत्ति न जलाओ

रामलीला मैदान : नागरिकता कानून पर पीएम मोदी बोले - मेरा विरोध करो, देश की संपत्ति न जलाओ
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रामलीला मैदान से विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव आते थे ये पार्टिया वादे करती थी । चुनाव जाने के बाद ये पार्टियां वादों को भूला देती थी। इन पार्टियों ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों के विकास में कई रोडे अटकाए । लेकिन इसकेे बाद भी हमने राजधानी की 1734 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का काम किया है।

पीएम ने अनधिकृत कॉलोनियों, सड़क, बस मेट्रो के मुद्दे पर भी केजरीवाल सरकार को घेरा। पीएम ने कहा, 'यहां की सबसे बड़ी समस्या है पीने की पानी की। इन लोगों की (केजरीवाल सरकार) मानें तो पूरी दिल्ली में बिसलेरी जैसा पानी मिलता है। मैं पूछता हूं आप दिल्ली सरकार से सहमत हो? क्या आपको शुद्ध पानी मिलता है? पानी देखकर चिंता होती है कि नहीं? डर लगता है या नहीं? यह आपको भी झूठा बता रहे हैं। क्या आप झूठे हैं? क्या आप बेइमान हैं।'

पीएम ने कहा कि दिल्ली के लोगों को जो बताया गया है, लोग उसकी सच्चाई देख रहे हैं। सच्चाई यह है कि दिल्ली में आज सबसे अधिक वाटर प्यूरीफायर बिक रहे हैं। लोगों को यह खर्चा क्यों करना पड़ता है? जो प्यूरीफायर नहीं खरीद सकता उसे 40-50 रुपये में बोतल खरीदना पड़ता है। अधिकतर जगहों पर नल से पानी आता नहीं है, जो पानी आता भी है उस पर लोगों को विश्वास नहीं है।'

पीएम ने कहा, 'प्रधानमंत्री उदय योजना के तहत आप लोगों को अपने मकान जमीन पर मालिकाना हक मिला है, संपूर्ण अधिकार मिला है। इसके लिए आपको बधाई। जिन्होंने इससे दिल्ली को दूर रखा और तरह-तरह के रोड़े अटकाए वह देख सकते हैं कि अपने घर पर हक मिलने की खुशी क्या होती है। आजादी के इतने दशकों बाद तक दिल्ली की एक बड़ी आबादी को डर, चिंता, छल कपट और झूठे चुनावी वादों से गुजरना पड़ा। गैर कानूनी, अवैध, जेजे क्लस्टर, सीलिंग, बुलडोर जैसे शब्दों के ईर्द-गिर्द एक बड़ी आबादी का जीवन सिमट गया था। चुनाव आते थे तो तारीख बढ़ जाती थी। बुलडोजर का पहिया रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रह जाती थी। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए मैंने इस काम को अपने हाथ में लिया।'

पीएम ने कहा, 'हालत यह थे कि ये लोग कॉलोनियों से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां जुटाने के लिए, सीमा तय करने के लिए मांग कर रहे थे कि 2021 तक समय बढ़ा दो। बेशर्म होकर कहते हैं 2021 तक कुछ नहीं कर पाएंगे। यह देखकर मैंने कहा ऐसा नहीं चलने दूंगा। इसलिए हमने इस साल मार्च में खुद अपने हाथ में लिया और इस अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में प्रक्रिया पूरी की और अभी संसद के सत्र में बिल पास कराया जा चुका है। इतने कम समय में टेक्नॉलजी की मदद से दिल्ली की 17 सौ से ज्यादा कॉलोनियों की सीमा को चिन्हित करने का काम पूरा किया जा चुका है। 12 सौ से ज्यादा कॉलोनियों के नक्शे पोर्टेल पर डाले जा चुके हैं। यह फैसला घर से तो जुड़ा है ही यह दिल्ली के कारोबार को भी गति देने वाला है। समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है। ना ही हमारी राजनीति का रास्ता है। जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने का भरोसा किया वह खुद क्या कर रहे थे। यह दिल्ली वालों के लिए जानना जरूरी है।'

मोदी ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और महंगे इलाके में 2 हजार से ज्यादा बंगले कारोबारियों को दे रखे थे। इन बंगलों के बदले क्या हुआ, कैसे हुआ मैं उसमें जाना नहीं चाहता हूं। उन लोगों को उन बंगलों में रहने की पूरी छूट दी और आपकी कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कुछ किया नहीं। और जम मैं कर रहा था तो रोड़े अटकाए। उन्हें पता नहीं था, यह मोदी है।' उसने एक तरफ इन वीआईपी लोगों से 2 हजार से ज्यादा सरकारी बंगले खाली तो कराए ही, 40 लाख गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को घर दिलवा दिया है। उनको उनके वीआईपी मुबारक, मेरे लिए तो आप ही वीआईपी हैं।

पीएम ने कहा, 'दिल्ली के लोगों के लिए जिंदगी आसान बने, दिल्ली की कनेक्टिविटी बेहतर हो यह हमारी प्राथमिकता रही है। बीते 5 वर्षों में हमने दिल्ली मेट्रो का अभूतपूर्व विकास किया है। 2014 तक सालाना औसतन 14 किलोमीटर मेट्रो लाइन का निर्माण हो रहा था। हमारी सरकार आने के बाद, राज्य सरकार का रवैया बताने की जरूरत नहीं है, उसके बाद भी हमारी सरकार 25 किलोमीटर की रफ्तार से निर्माण कर रही है। दिल्ली में सालाना करीब 25 किलोमीटर मेट्रो लाइन बन रही है। 70 किलोमीटर के नए रूट पर काम हो रहा है। फेज 4 को लेकर यदि यहां की राज्य सरकार ने राजनीति के तहत अड़ंगे नहीं लगाए होते तो इसका निर्माण शुरू हो गया होता।

आपके नाम पर राजनीति करने वाले ना तो आपकी समस्याएं समझे हैं ना दूर करने का इरादा है। जो हालत इन्होंने दिल्ली की बसों की कर दी है वह दिल्ली के लोग रोजमर्रा की जिंदगी में देखते हैं। दफ्तर आने जाने में लोगों को कम से कम परेशानी हो इसके लिए निरंतर काम किया है। सड़कों पर काम करने के साथ ही दिल्ली के चारों ओर पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का निर्माण किया है। इसकी वजह से रोजाना 30-40 हजार ट्रक दिल्ली के बाहर से निकल जाते हैं। इससे दिल्ली का बोझ कम हुआ है और प्रदूषण भी कम हुआ है। शहर में प्रदूषण कम हो इसके लिए हमने निरंतर काम किया है। दिल्ली में सैकड़ों नए सीएनजी स्टेशन लगाए गए हैं। जो उद्योग चल रहे हैं उनमें से आधे को पीएनजी आधारित किया गया है। यदि पराली जालने की बात की है तो हमने आसपास के राज्यों के साथ काम किया है।

ये लोग अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं। यह आपलोगों ने पिछले हफ्ते देखा भी है। उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने झूठे विडियो फैलाकर आग लगाने का गुनाह किया है। संशोधित नागरिकता कानून पर मचे घमासान के बीच हो रही रैली को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। रामलीला मैदान पुरानी दिल्ली के दरियागंज से करीब एक किलोमीटर दूर है, जहां संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक अर्द्धसैनिक बलों की 20 कंपनियों को तैनात हैं। प्रत्येक कंपनी में 70 से 80 जवान होते हैं। उपायुक्त स्तर के 20 पुलिस अधिकारी मौजूद हैं। दिल्ली पुलिस के 1000 जवान, ड्रोन रोधी टीम और एनएसजी कमांडो भी सभा स्थल की सुरक्षा में तैनात हैं।

Updated : 22 Dec 2019 9:44 AM GMT
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Amit Senger

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