Home > Lead Story > लाशें गिनने का काम गिद्धों का होता है, बहादुरों का नहीं : राजनाथ सिंह

लाशें गिनने का काम गिद्धों का होता है, बहादुरों का नहीं : राजनाथ सिंह

लाशें गिनने का काम गिद्धों का होता है, बहादुरों का नहीं : राजनाथ सिंह
X

नई दिल्ली। पूर्वी उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं से संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस देशद्रोह के कानून को समाप्त करने की बात करती है लेकिन भाजपा की सरकार बनी तो हम इस कानून को इतना सख्त कर देंगे कि आंख दिखाने वालों की रूह कांप जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद हमारी सेनाओं ने हवाई हमले कर आतंकियों को नेस्तनाबूत कर दिया तो कांग्रेस ने मारे गये आतंकियों की संख्या पूछ ली। लाशें गिनने का काम गिद्धों का होता है, बहादुरों का नहीं।

सिंह ने बुधवार की सुबह मां विंध्यवासिनी का विधिवत दर्शन-पूजन किया। दर्शन-पूजन के बाद उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इससे पहले मंगलवार की शाम राजग की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के लिए बीएलजे ग्राउण्ड में जनसभा को सम्बोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस देशद्रोह के कानून को समाप्त करने की बात करती है लेकिन भाजपा की सरकार बनी तो हम इस कानून को इतना सख्त कर देंगे कि आंख दिखाने वालों की रूह कांप जायेगी।

उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद हमारी सेनाओं ने एयर स्ट्राईक कर आतंकियों को नेस्तनाबूत कर दिया तो कांग्रेस ने मारे गये आतंकियों की संख्या पूछ ली। लाशें गिनने का काम गिद्ध का होता है, बहादुरों का नहीं। देश की अर्थव्यवस्था पर गृह मंत्री ने कहा कि सन 1951 के बाद से देश में जितने भी आम चुनाव हुए हैं उनमें दो चुनावों 2019 व 2004 को छोड़कर बाकी सारे चुनावों में महंगाई मुख्य मुद्दा होती थी।

उन्होंने कहा कि ये हमारे दोनों प्रधानमंत्रियों का आर्थिक प्रबंधन था कि देश में महंगाई नहीं बढ़ पायी। 2004 में जहां हमारे देश ने परमाणु परीक्षण के बाद दुनिया का आर्थिक प्रतिबंध झेला था वहीं 2014 में जब हमारी सरकार आयी तो आये दिन हमारी अर्थव्यवस्था की रेटिंग दुनिया की रेटिंग एजेंसियों की निगाहों में गिरती जा रही थी। राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि अब राहुल गांधी न्याय की बात कर रहे हैं जबकि नेहरू से लेकर राजीव गांधी व सोनिया गांधी तक ने गरीबी हटाओं देश बचाओ का नारा दिया।

राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से घबरा कर सपा-बसपा ने अल्पसंख्यकों को उनका भय दिखाकर वोट हथियाने के उद्देश्य से गठबंधन कर लिया। लेकिन यह गठबंधन बेअसर साबित हो रहा है। गठबंधन का प्रदेश में कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है। इसी से घबराकर प्रधानमंत्री की जाति पूछी जा रही है।

Updated : 15 May 2019 3:02 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top