Home > Lead Story > कांग्रेस की वंशवादी राजनीति में राहुल और प्रियंका दो उत्तराधिकारी

कांग्रेस की वंशवादी राजनीति में राहुल और प्रियंका दो उत्तराधिकारी

कांग्रेस की वंशवादी राजनीति में राहुल और प्रियंका दो उत्तराधिकारी
X

नई दिल्ली। वित्तमंत्री और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि वंशवाद की राजनीति पर चल रही कांग्रेस को आने वाले दिनों में उत्तराधिकारी के चुनाव की समस्या का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस की वंशवादी राजनीति में आज दो उत्तराधिकारी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सामने हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 के एजेंडे के बारे में अपने आलेख श्रृंखला की पांचवी कड़ी में जेटली ने कांग्रेस सहित विभिन्न वंशवादी और परिवारवादी राजनीतिक दलों का लेखा-जोखा दिया। उन्होंने किसी दल या उसके नेता के नाम का उल्लेख नहीं किया लेकिन आलेख से जाहिर था कि उनका इशारा किसकी ओर था।

भाजपा नेता ने कहा कि वंशवादी राजनीति के संस्थापक के सामने यह समस्या रहती है कि वह अपना उत्तराधिकारी किसे बनाए। यदि एक से अधिक उत्तराधिकारी होता है तो वंशवादी नेता उनके बीच सत्ता का बंटवारा कर देता है लेकिन इस बंटवारे से समस्या का समाधान नहीं होता। उत्तराधिकारियों में झगड़ा शुरू हो जाता है।

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो), बिहार में राष्ट्रीय जनता दल(राजद), तमिलनाडु में द्रमुक मुनेत्र कषगम (डीएमके) की ओर संकेत करते हुए जेटली ने कहा कि यहां भाइयों के बीच उत्तराधिकार का झगड़ा है और उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में पिता और पुत्र के बीच ठनी है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी(टीडीपी) में दामादों के बीच झगड़ा है। कर्नाटक में जनता दल(सेक्युलर) में एक प्रयोग के तौर पर पुत्रों को राज्य में और पौत्रों को केंद्र में स्थापित करने की कवायद की जा रही है। महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) में भी खींचातानी शुरू हो गई है।

भाजपा नेता ने चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशियस को उद्धृत करते हुए कहा कि 'आसमान में एक ही सूरज और धरती पर केवल एक ही सम्राट हो सकता है'। एक से अधिक उत्तराधिकारी के बीच शक्ति परीक्षण होता है और जो भारी पड़ता है उसी को गद्दी मिलती है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस में एक प्रयोग हो रहा है, जहां उत्तराधिकारी के रूप में दो लोगों को सामने रखा गया है। यह देखने वाली बात होगी कि कन्फ्यूशियस की उक्ति सही उतरती है या नहीं। फिलहाल, हालत यह हैं कि एक उत्तराधिकारी राहुल गांधी नाकारा साबित हो चुका है और दूसरा उत्तराधिकारी (प्रियंका गांधी वाड्रा) रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा।

जेटली ने कहा कि वर्ष 2014 के चुनाव में आशा और अपेक्षाओं से भरे भारत और नरेन्द्र मोदी ने मिलकर वंशवादी और परिवारवादी राजनीति को ध्वस्त कर दिया था। इस बार के चुनाव में भी ऐसा ही होगा।

Updated : 15 March 2019 2:50 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top