Home > Lead Story > राफेल सौदे पर और कितने झूठ बोलेगा कांग्रेस का डूबता वंशवादी कुनबा

राफेल सौदे पर और कितने झूठ बोलेगा कांग्रेस का डूबता वंशवादी कुनबा

राफेल सौदे पर और कितने झूठ बोलेगा कांग्रेस का डूबता वंशवादी कुनबा
X

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस का डूब रहा वंशवादी कुनबा राफेल युद्धक विमान सौदे पर अब हर रोज एक नया झूठ गढ़ता है और कांग्रेस के नेता उसे दोहराते रहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि डूब रहा यह कुनबा अभी और कितने झूठ बोलेगा।

राफेल युद्धक विमान सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से हर रोज एक नया खुलासा किए जाने के संदर्भ में जेटली ने एक आलेख के जरिए कटाक्ष किया कि कांग्रेस नेताओं में झूठ बोलने की आदत संक्रामक रोग की तरह फैल रही है। उन्होंने कहा कि सच्चाई एक मूल्यवान और पवित्र चीज है और एक परिपक्व लोकतंत्र में झूठ बोलने वालों को सार्वजनिक जीवन से बाहर होना पड़ता है।

अरुण जेटली ने कहा कि देश के सबसे पुराने दल कांग्रेस के नेता वंशवादी कुनबे के गुलाम बनकर रह गए हैं। उनमें इतना साहस और नैतिक बल नहीं है कि वे वंशवादी नेताओं को चुनौती दे सकें। वंशवादी नेता जब एक झूठ बोलता है तो पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता सामूहिक गान की तरह उसे दोहराते रहते हैं। केंद्रीय मंत्री ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि पर कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी नेताओं की ओर से उंगली उठाए जाने की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सीएजी प्रमुख के संबंध में 'हितों के टकराव' की बात लागू नहीं होती। राजीव महर्षि पूर्व में आर्थिक मामलों के सचिव थे तथा रक्षा सौदों पर खर्च की फाइल उनके पास नहीं आई थी। यह काम मंत्रालय में परिव्यय सचिव संभालता है।

जेटली ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस ने इस संस्था पर हमला करना शुरू कर दिया। इसके पहले इन नेताओं ने राफेल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी ऐसा ही रवैया अपनाया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल के संबंध में जो सौदा किया उससे करोड़ों रुपये की धनराशि की बचत हुई। इस तथ्य की अवहेलना करते हुए कांग्रेस नेताओं ने निराधार आरोप लगाए।

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि राफेल सौदे के संबंध में चलने वाली वार्ता में भ्रष्टाचार निरोधक उपबंध को शामिल नहीं किया गया। जेटली ने कहा कि दो सरकारों के बीच में होने वाले करार में ऐसा उपबंध नहीं रखा जाता। अमेरिका और रूस के साथ हथियारों की खरीद के संबंध में हुए समझौतों में भी यह उपबंध शामिल नही था। उन्होंने राफेल सौदे को लेकर मीडिया के एक वर्ग में तोड़-मरोड़कर तथ्य पेश किए जाने पर भी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसा करना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।

Updated : 12 Feb 2019 2:47 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top