#S400 भारत-रूस के बीच 5 बिलियन डॉलर के रक्षा मिसाइल सौदे पर लगी मुहर
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। भारत-रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में अहम सौदे पर आखिरकार मुहर लग ही गई। रूस ने भारत को दुनिया की प्रख्यात मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 देने पर सहमति जता दी है। शुक्रवार को नई दिल्ली में रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक की साइडलाइन्स में इस रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर हुए। इसके साथ ही अब भारतीय सेना दुनिया की आधुनिकतम मिसाइल रक्षा प्रणाली से लैस हो जाएगी। इसके साथ भारत को अमेरिका की नाराजगी भी झेलनी पड़ेगी। अमेरिकी सरकार पहले ही भारत के रूस के साथ इस सौदे को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर कर चुकी है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी मोदी-पुतिन के संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों ही पक्षों ने एस-400 लॉन्ग रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए अनुबंध के पूरे होने का स्वागत किया। इसने भारत और रूस के बीच सैन्य तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो भारत-रूस के परस्पर विश्वास और पारस्परिक लाभ के लंबे इतिहास का उदाहरण है। दोनों पक्षों ने सैन्य तकनीकी सहयोग की चल रही परियोजनाओं पर किए गए महत्वपूर्ण प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान और सैन्य तकनीकी उपकरणों के संयुक्त उत्पादन की दिशा में सकारात्मक बदलाव को पहचाना। रूसी पक्ष ने भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति को बढ़ावा देने के लिए सैन्य औद्योगिक सम्मेलन प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में मूल्यांकन किया। साथ ही दोनों पक्षों ने नवम्बर, 2017 में स्थापित उच्च प्रौद्योगिकियों में सहयोग पर उच्चस्तरीय समिति की बैठक का सकारात्मक मूल्यांकन किया, जिसमें संयुक्त अनुसंधान और विकास के लिए आपसी हित के क्षेत्रों में ठोस परियोजनाओं की पहचान की गई।
रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 दुनिया में अपने एयर डिफेंस के लिए जानी जाती है, जिसे भारत सरकार रूस से खरीदना चाहता था। यह सतह से हवा में मार करने वाली अचूक मिसाइल प्रणाली है। इसके लिए भारत को 5 अरब डॉलर यानी लगभग 37 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। बताया जा रहा है कि इस मिसाइल रक्षा प्रणाली के मिलने के बाद भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन की ओर से किसी भी हवाई हमले से खुद को सुरक्षित कर सकेगा। इस मिसाइल रक्षा प्रणाली में किसी भी लड़ाकू जहाज, क्रूज मिसाइल या ड्रोन हमले से निपटने की क्षमता है। इसके द्वारा भारतीय सेना 600 किलोमीटर तक की मारक क्षमता विकसित कर लेगा।
रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने से अमेरिका भारत से नाराज हो सकता है। अमेरिकी सरकार पहले ही चेता चुकी है कि वो भारत के रूस के साथ इस सौदे को पसंद नहीं करती है। इतना ही नहीं अमेरिकी सरकार ने ये संकेत दिये थे कि यदि भारत सरकार रूस से ये मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदती है तो अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है। इसके बावजूद भारत ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन की इस आधिकारिक यात्रा के दौरान इस सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत-रूस के बीच इस अहम सौदे पर सहमति को देखते हुए रक्षामंत्री भी अपनी कजाकिस्तान के आधिकारिक यात्रा को बीच में छोड़कर भारत लौट आईं।
Swadesh Digital
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